मराठी सिनेमा को बड़ा झटका: विवेक लागू का निधन, लेखक और संगीत निर्देशक के रूप में थे लोकप्रिय

“Vivek Lagu का निधन: Marathi Cinema loses a Legendary Writer & Music Composer”When Reema Lagoo's Ex-Husband, Vivek Revealed Their Love Story, Divorce, And Her Sudden Demise

मराठी फिल्म इंडस्ट्री ने एक और चमकता सितारा खो दिया है। प्रसिद्ध लेखक, संगीत निर्देशक और थिएटर कलाकार विवेक लागू का आज निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे। उनके निधन से मराठी कला-जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।विवेक लागू सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि वे एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने न केवल मराठी सिनेमा में, बल्कि थिएटर और संगीत की दुनिया में भी अपनी अलग पहचान बनाई। वे लेखक, संगीतकार, नाटक निर्देशक और भावनात्मक प्रस्तुतियों के लिए खासतौर पर जाने जाते थे।

पारिवारिक सूत्रों ने की पुष्टि

उनके परिवार ने एक बयान जारी कर बताया कि विवेक लागू का निधन आज सुबह उनके पुणे स्थित आवास पर हुआ। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और हाल ही में उन्हें हृदय संबंधी दिक्कतें बढ़ गई थीं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।

एक संवेदनशील कलाकार

विवेक लागू ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी। उन्होंने कई प्रयोगात्मक और सामाजिक विषयों पर आधारित नाटकों का निर्देशन किया। उनकी लेखनी में सामाजिक मुद्दों की गहराई और मानवीय संवेदनाओं की गूंज हमेशा महसूस की जाती थी। यही कारण था कि उनकी कहानियां आम आदमी के दिल को छू जाती थीं।

संगीत निर्देशन में भी चमके

बहुमुखी प्रतिभा के धनी विवेक लागू ने कई मराठी फिल्मों और नाटकों के लिए संगीत भी दिया। उनका संगीत पारंपरिक मराठी सुरों से जुड़ा हुआ था, जिसमें लोक धुनों की मिठास और गहराई होती थी। उनकी संगीत रचनाओं में ‘भावना’, ‘सप्तपदी’ और ‘गंध’ जैसी फिल्मों का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

कलाकारों और निर्देशकों की प्रतिक्रिया

उनके निधन की खबर फैलते ही मराठी फिल्म और थिएटर इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े नामों ने शोक व्यक्त किया।
विक्रम गोखले, वरिष्ठ अभिनेता, ने कहा, “विवेक लागू सिर्फ एक कलाकार नहीं, एक विचारशील रचनाकार थे। उनके जाने से एक युग समाप्त हो गया है।”
सोनाली कुलकर्णी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “उनकी संगीतबद्ध कहानियों ने कई पीढ़ियों को प्रेरणा दी।”

सामाजिक योगदान

विवेक लागू सिर्फ कला तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने कई सामाजिक अभियानों में भी हिस्सा लिया, खासकर युवाओं को थिएटर और संगीत के माध्यम से जोड़ने के लिए। उनका मानना था कि संस्कृति और कला से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। वे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अतिथि व्याख्याता के रूप में भी जुड़ते रहे।

अंतिम संस्कार

उनका अंतिम संस्कार आज शाम पुणे के वैकुंठ श्मशान भूमि में किया जाएगा। उनके अंतिम दर्शन के लिए कई कलाकार, लेखक, संगीतज्ञ और प्रशंसक सुबह से ही उनके निवास पर पहुंच रहे हैं। सरकार की ओर से भी श्रद्धांजलि दी गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, “विवेक लागू का योगदान अमूल्य है। उन्होंने मराठी संस्कृति को नई ऊंचाई दी।”

एक युग का अंत

विवेक लागू का जाना केवल एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि एक पूरे युग का अंत है। उनके संगीत में जो भावनात्मक गहराई थी, उनकी लेखनी में जो समाज के प्रति प्रतिबद्धता थी, वह आने वाली पीढ़ियों को लंबे समय तक प्रेरित करती रहेगी।

मराठी फिल्म और रंगमंच की दुनिया उन्हें हमेशा आदर, स्नेह और कृतज्ञता के साथ याद रखेगी।

ॐ शांति।

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