
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी बिगड़ती सेहत और यहां तक कि मौत की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। सोमवार को Truth Social पर उन्होंने लिखा – “Never Felt Better In My Life” (मैंने कभी जिंदगी में इतना अच्छा महसूस नहीं किया)।कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पिछले हफ्ते से #TrumpIsDead ट्रेंड कर रहा है। इसकी शुरुआत तब हुई जब व्हाइट हाउस ने ट्रंप का “खाली शेड्यूल” जारी किया। इसके बाद उनकी गोल्फ खेलते हुए एक तस्वीर सामने आई, लेकिन कई यूज़र्स ने उसे भी “फेक” करार दिया।
ट्रंप ने क्या कहा?
यह विवाद तब और बढ़ गया जब कंज़र्वेटिव कमेंटेटर DC Draino ने बाइडेन और ट्रंप की तुलना करते हुए लिखा:
> “जो बाइडेन कई दिन तक सामने नहीं आते और मीडिया कहता है कि वे फिट और तेज हैं। वहीं, ट्रंप अगर 24 घंटे नज़र न आएं तो मीडिया हंगामा मचा देता है।”
इस पर ट्रंप ने दो टूक जवाब दिया –
“NEVER FELT BETTER IN MY LIFE.”
साथ ही उन्होंने मज़ाक में वॉशिंगटन डीसी को “क्राइम-फ्री ज़ोन” भी बता दिया।
JD Vance और The Simpsons की एंट्री
अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance ने भी कहा कि अगर “किसी भयानक हादसे” में उन्हें राष्ट्रपति की जिम्मेदारी उठानी पड़ी तो वे पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ट्रंप “फिट और एनर्जेटिक” हैं।
इस बीच, The Simpsons के निर्माता मैट ग्रोनिंग ने एक बयान दिया, जो वायरल हो गया। उन्होंने कहा था –
> “शो तब तक चलता रहेगा जब तक कोई मर नहीं जाता… जब ‘आप-जानते-हैं-कौन’ (संकेत ट्रंप की ओर) मरेंगे, तब लोग सड़कों पर डांस करेंगे।”
ब्रूज़ और लेग स्वेलिंग पर भी उठे सवाल
ट्रंप की सेहत को लेकर चर्चाएं पहले भी होती रही हैं। इस साल की शुरुआत में उनके हाथ पर बड़ा bruise (नील) दिखा था, जिसे उनकी टीम ने फाउंडेशन से छिपाने की कोशिश की। बाद में उनके पैर की सूजन की तस्वीरें भी वायरल हुईं।
व्हाइट हाउस ने सफाई दी कि यह Chronic Venous Insufficiency नाम की स्थिति है, जो नसों से जुड़ी समस्या है और सूजन पैदा करती है। राष्ट्रपति डॉक्टर शॉन बारबेला ने कहा कि ट्रंप की ये दिक्कत “बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन लेने की वजह से मामूली सॉफ्ट टिश्यू इरिटेशन” है।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
Rumours about Trump’s health have made rounds on social media lately. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी बिगड़ती सेहत और यहां तक कि मौत की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। सोमवार को Truth Social पर उन्होंने लिखा – “Never Felt Better In My Life” (मैंने कभी जिंदगी में इतना अच्छा महसूस नहीं किया)।कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पिछले हफ्ते से #TrumpIsDead ट्रेंड कर रहा है। इसकी शुरुआत तब हुई जब व्हाइट हाउस ने ट्रंप का “खाली शेड्यूल” जारी किया। इसके बाद उनकी गोल्फ खेलते हुए एक तस्वीर सामने आई, लेकिन कई यूज़र्स ने उसे भी “फेक” करार दिया।
ट्रंप ने क्या कहा?
यह विवाद तब और बढ़ गया जब कंज़र्वेटिव कमेंटेटर DC Draino ने बाइडेन और ट्रंप की तुलना करते हुए लिखा:
> “जो बाइडेन कई दिन तक सामने नहीं आते और मीडिया कहता है कि वे फिट और तेज हैं। वहीं, ट्रंप अगर 24 घंटे नज़र न आएं तो मीडिया हंगामा मचा देता है।”
इस पर ट्रंप ने दो टूक जवाब दिया –
“NEVER FELT BETTER IN MY LIFE.”
साथ ही उन्होंने मज़ाक में वॉशिंगटन डीसी को “क्राइम-फ्री ज़ोन” भी बता दिया।JD Vance और The Simpsons की एंट्री
अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance ने भी कहा कि अगर “किसी भयानक हादसे” में उन्हें राष्ट्रपति की जिम्मेदारी उठानी पड़ी तो वे पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ट्रंप “फिट और एनर्जेटिक” हैं।
इस बीच, The Simpsons के निर्माता मैट ग्रोनिंग ने एक बयान दिया, जो वायरल हो गया। उन्होंने कहा था –
> “शो तब तक चलता रहेगा जब तक कोई मर नहीं जाता… जब ‘आप-जानते-हैं-कौन’ (संकेत ट्रंप की ओर) मरेंगे, तब लोग सड़कों पर डांस करेंगे।”
ब्रूज़ और लेग स्वेलिंग पर भी उठे सवाल
ट्रंप की सेहत को लेकर चर्चाएं पहले भी होती रही हैं। इस साल की शुरुआत में उनके हाथ पर बड़ा bruise (नील) दिखा था, जिसे उनकी टीम ने फाउंडेशन से छिपाने की कोशिश की। बाद में उनके पैर की सूजन की तस्वीरें भी वायरल हुईं।
व्हाइट हाउस ने सफाई दी कि यह Chronic Venous Insufficiency नाम की स्थिति है, जो नसों से जुड़ी समस्या है और सूजन पैदा करती है। राष्ट्रपति डॉक्टर शॉन बारबेला ने कहा कि ट्रंप की ये दिक्कत “बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन लेने की वजह से मामूली सॉफ्ट टिश्यू इरिटेशन” है।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
Rumours about Trump's health have made rounds on social media lately. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी बिगड़ती सेहत और यहां तक कि मौत की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। सोमवार को Truth Social पर उन्होंने लिखा – “Never Felt Better In My Life” (मैंने कभी जिंदगी में इतना अच्छा महसूस नहीं किया)।कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
कैसे शुरू हुई “TrumpIsDead” अफवाह?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पिछले हफ्ते से #TrumpIsDead ट्रेंड कर रहा है। इसकी शुरुआत तब हुई जब व्हाइट हाउस ने ट्रंप का “खाली शेड्यूल” जारी किया। इसके बाद उनकी गोल्फ खेलते हुए एक तस्वीर सामने आई, लेकिन कई यूज़र्स ने उसे भी “फेक” करार दिया।
ट्रंप ने क्या कहा?
यह विवाद तब और बढ़ गया जब कंज़र्वेटिव कमेंटेटर DC Draino ने बाइडेन और ट्रंप की तुलना करते हुए लिखा:
> “जो बाइडेन कई दिन तक सामने नहीं आते और मीडिया कहता है कि वे फिट और तेज हैं। वहीं, ट्रंप अगर 24 घंटे नज़र न आएं तो मीडिया हंगामा मचा देता है।”
इस पर ट्रंप ने दो टूक जवाब दिया –
“NEVER FELT BETTER IN MY LIFE.”
साथ ही उन्होंने मज़ाक में वॉशिंगटन डीसी को “क्राइम-फ्री ज़ोन” भी बता दिया।JD Vance और The Simpsons की एंट्री
अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance ने भी कहा कि अगर “किसी भयानक हादसे” में उन्हें राष्ट्रपति की जिम्मेदारी उठानी पड़ी तो वे पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ट्रंप “फिट और एनर्जेटिक” हैं।
इस बीच, The Simpsons के निर्माता मैट ग्रोनिंग ने एक बयान दिया, जो वायरल हो गया। उन्होंने कहा था –
> “शो तब तक चलता रहेगा जब तक कोई मर नहीं जाता… जब ‘आप-जानते-हैं-कौन’ (संकेत ट्रंप की ओर) मरेंगे, तब लोग सड़कों पर डांस करेंगे।”
ब्रूज़ और लेग स्वेलिंग पर भी उठे सवाल
ट्रंप की सेहत को लेकर चर्चाएं पहले भी होती रही हैं। इस साल की शुरुआत में उनके हाथ पर बड़ा bruise (नील) दिखा था, जिसे उनकी टीम ने फाउंडेशन से छिपाने की कोशिश की। बाद में उनके पैर की सूजन की तस्वीरें भी वायरल हुईं।
व्हाइट हाउस ने सफाई दी कि यह Chronic Venous Insufficiency नाम की स्थिति है, जो नसों से जुड़ी समस्या है और सूजन पैदा करती है। राष्ट्रपति डॉक्टर शॉन बारबेला ने कहा कि ट्रंप की ये दिक्कत “बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन लेने की वजह से मामूली सॉफ्ट टिश्यू इरिटेशन” है।
कुल मिलाकर, अफवाहों के बीच खुद ट्रंप का कहना है कि वे पहले से ज्यादा फिट हैं और राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां पूरी ऊर्जा से निभा रहे हैं।
- सुबह बासी मुंह चबाएं Neem की 3-4 पत्तियां, दांत से लेकर पाचन तक मिलेगी चमत्कारी राहत!
Neem Ke Patte Khane Ke Fayde: नीम को आयुर्वेद में सेहत का खजाना माना गया है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल सदियों से औषधीय गुणों की वजह से किया जाता रहा है। नीम की पत्तियों (Neem Leaves) में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन और कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन E, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, फाइबर और आयरन शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और हेल्दी लाइफस्टाइल को सपोर्ट करते हैं।
अगर आप सुबह बासी मुंह या खाली पेट नीम की 3-4 कोमल पत्तियां चबाकर खाते हैं, तो यह डिटॉक्स का काम करता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर खून को साफ करता है, जिससे स्किन पर नेचुरल ग्लो आता है और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। नीम की पत्तियां कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने, शुगर लेवल बैलेंस करने और लीवर को हेल्दी रखने में भी मददगार मानी जाती हैं।
नीम की पत्तियां खाने से मिलने वाले फायदे
1. मुंह की समस्याओं से राहत (Neem Ke Patte for Oral Health)
अगर आप मुंह से जुड़ी परेशानियों जैसे दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन या मुंह के छाले से बार-बार परेशान रहते हैं, तो Neem Ke Patte आपके लिए रामबाण साबित हो सकते हैं। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और मुंह की सफाई बनाए रखते हैं। नियमित रूप से सुबह खाली पेट नीम की 3-4 पत्तियां चबाने से मुंह की दुर्गंध भी कम हो जाती है।
दांतों का पीलापन हटाने और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए नीम की दातुन का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि नीम की दातुन न सिर्फ दांतों को मजबूत बनाती है बल्कि कैविटी, पायरिया और गम्स की सूजन जैसी समस्याओं को भी दूर रखती है।
Neem leaves consumption for immunity and wellness. Photo: chatgpt 2. स्किन को चमकदार बनाए (Neem Ke Patte for Glowing Skin)
सुबह खाली पेट Neem Ke Patte खाने से त्वचा पर गजब का असर दिख सकता है। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण स्किन को अंदर से क्लीन करते हैं और उसे हेल्दी ग्लो देने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से मुंहासे, एक्जिमा, डर्मेटाइटिस और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती हैं।
इसके अलावा, नीम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे चेहरे पर नेचुरल ब्राइटनेस और क्लियरनेस आती है। कई ब्यूटी एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि Neem Ke Patte का सेवन करने से स्किन पर एजिंग के असर धीमे पड़ते हैं और दाग-धब्बों से छुटकारा पाने में भी मदद मिलती है।
3. पाचन तंत्र को मजबूत करे (Neem Ke Patte for Digestion)
आजकल बदलती लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान की वजह से पेट की समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच आम हो गई हैं। ऐसे में Neem Ke Patte का सेवन आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण आंतों को साफ रखने के साथ हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
सुबह खाली पेट 3-4 Neem Ke Patte चबाकर खाने से पाचन शक्ति बेहतर होती है, शरीर को पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित करने में मदद मिलती है और पेट लंबे समय तक हल्का और आरामदायक महसूस करता है। नीम का सेवन पाचन से जुड़ी क्रॉनिक समस्याओं जैसे एसिडिटी और कब्ज से भी राहत दिला सकता है।
4. संक्रमण से बचाए (Neem Ke Patte for Immunity & Infection)
मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, बुखार और वायरल संक्रमण जैसी समस्याएं तेजी से फैलने लगती हैं। ऐसे समय पर इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। नीम की पत्तियां (Neem Ke Patte) प्राकृतिक रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती हैं।
नीम की पत्तियां (Neem leaves) खाने के फायदे – रोग प्रतिरोधक क्षमता और सेहतमंद जीवन। Photo: chatgpt इनमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। अगर आप सुबह खाली पेट 3-4 Neem Ke Patte नियमित रूप से खाते हैं, तो इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है और मौसमी संक्रमण से बचाव होता है।
यही वजह है कि आयुर्वेद में Neem Ke Patte को संक्रमण रोकने और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए बेहद असरदार माना गया है।
अस्वीकरण: यहां दी गई सभी जानकारी घरेलू नुस्खों और पारंपरिक आयुर्वेदिक मान्यताओं पर आधारित है। Neem Ke Patte या अन्य किसी भी घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से पहले यह समझना जरूरी है कि यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है।
इसे किसी भी स्थिति में डॉक्टर की सलाह या उपचार का विकल्प न मानें। अगर आपको पहले से कोई गंभीर बीमारी है या नीम की पत्तियां (Neem Ke Patte) खाने के बाद कोई समस्या महसूस होती है, तो तुरंत किसी योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।
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- भरी जवानी में White Hair हो रहे है। बस इन पत्तों से बनाइए जादुई तेल, मिलेंगे काले-घने बाल!
आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद (White Hair) होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण हमारी बदलती लाइफस्टाइल, खराब खान-पान, तनाव और प्रदूषण को माना जाता है। पहले जहां बालों के सफेद होने को बढ़ती उम्र का संकेत माना जाता था, वहीं अब 18–20 साल की उम्र में भी कई लोगों के सिर पर सफेद बाल (White Hair) नजर आने लगे हैं। अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं और चाहते हैं कि आपके बाल जड़ों से काले, घने और मजबूत बनें, तो आपके लिए एक आसान और असरदार आयुर्वेदिक नुस्खा मौजूद है।इस नुस्खे की खासियत यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजें पूरी तरह नेचुरल और घर पर आसानी से मिलने वाली हैं, जैसे करी पत्ते, आंवला, भृंगराज और नारियल तेल। इनका कॉम्बिनेशन बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाता है, जिससे सफेद बालों को दोबारा काला करने में मदद मिलती है। साथ ही यह बालों को टूटने, झड़ने और कमजोर होने से भी बचाता है।
करी पत्तों में मौजूद ऐंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स बालों की जड़ों को एक्टिव करते हैं, आंवला विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से हेयर पिगमेंट को बढ़ाता है, जबकि भृंगराज आयुर्वेद में "बालों का राजा" कहा जाता है क्योंकि यह बालों को नेचुरल काला और घना बनाने में बेहद फायदेमंद है। नारियल तेल इन सभी चीजों को बालों की जड़ों तक गहराई से पहुंचाने का काम करता है। अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो आप कुछ ही हफ्तों में फर्क देख सकते हैं। यह नुस्खा महंगे हेयर डाई और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का नेचुरल और सस्ता विकल्प भी है।
क्यों होते हैं समय से पहले White Hair?
आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी के अनुसार, बालों के समय से पहले सफेद (White Hair) होने की सबसे बड़ी वजह है मेलेनिन पिगमेंट की कमी। मेलेनिन वह रंगद्रव्य (pigment) है जो बालों, त्वचा और आंखों को प्राकृतिक रंग देता है। जब यह कम हो जाता है, तो बाल सफेद या भूरे होने लगते हैं।
इसके अलावा, डॉक्टर सलीम जैदी ने कई अन्य आम कारण भी बताए हैं:
- प्रदूषण (Pollution): वातावरण में मौजूद हानिकारक कीटनाशक और धूल-मिट्टी बालों की जड़ों को कमजोर कर, सफेद बालों को बढ़ावा दे सकते हैं।
- जेनेटिक कारक (Genetic Reasons): माता-पिता की ओर से प्राप्त जीन के कारण भी बाल जल्दी सफेद हो सकते हैं।
- पोषण की कमी (Nutrient Deficiency): विटामिन B12, आयरन, प्रोटीन और ज़िंक जैसे पोषक तत्वों की कमियाँ भी बाल रंग में सफेदी ला सकती हैं।
- तनाव (Stress): मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे मेलेनिन उत्पादन प्रभावित होता है।
- धूम्रपान (Smoking): तम्बाकू का सेवन बालों को जल्दी उम्र बढ़ने का संकेत दे सकता है, जिससे सफेदी तेज़ होती है।
सफेद बालों को काला करने का आयुर्वेदिक नुस्खा
Coconut oil simmering with herbs (White Hair)-Photo: ChatGpt ज़रूरी सामग्री
- करी पत्ते (Curry Leaves) – इसमें एंटीऑक्सीडेंट और बीटा-कैरोटीन होता है, जो बालों की जड़ों को मज़बूती देता है और मेलेनिन को बढ़ावा देता है।
- आंवला (Amla) – विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है। यह स्कैल्प को ठंडक देता है और बालों के समय से पहले सफेद होने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
- भृंगराज (Bhringraj) – आयुर्वेद में इसे “किंग ऑफ हेयर” कहा जाता है। यह बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है और कालेपन को बनाए रखने में मदद करता है।
- नारियल तेल (Coconut Oil) – यह बेस ऑयल की तरह काम करता है। इसमें मौजूद फैटी एसिड्स बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाते हैं।
इन सामग्रियों की मात्रा आप अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- नारियल तेल – 1 कपसकते हैं।
- करी पत्ते – 1 मुट्ठी
- आंवला पाउडर – 2 बड़े चम्मच (या 2-3 ताजे आंवले टुकड़ों में कटे हुए)
- भृंगराज पाउडर – 2 बड़े चम्मच
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक तेल
- सबसे पहले एक कांच का जार लें और उसमें नारियल तेल भर लें।
- सूखे आंवले को हल्का कूटकर तेल में डालें।
- करी पत्तों को पीसकर मिलाएं।
- सूखा भृंगराज भी हल्का तोड़कर डाल दें।
- अब जार को ढककर 3 हफ्तों तक धूप में रखें।
(अगर धूप उपलब्ध न हो तो इसे कड़ाही में पकाकर भी तैयार किया जा सकता है।)
कड़ाही में बनाने की विधि
- सबसे पहले नारियल तेल को एक लोहे की कड़ाही में डालें।
- इसमें करी पत्ते, आंवला और भृंगराज डालकर धीमी आंच पर 8-10 मिनट तक पकाएं।
- जब पत्ते और आंवला काले पड़ने लगें और तेल की खुशबू बदल जाए, तो गैस बंद कर दें।
- इस तेल को ठंडा करके छान लें और कांच की बोतल में भरकर रखें।
इस प्रक्रिया से सभी औषधीय गुण तेल में घुल जाएंगे।
इस्तेमाल करने का तरीका
Benefits of applying Ayurvedic hair oil (White Hair)-Photo: ChatGpt - इस तेल को हफ्ते में 2-3 बार स्कैल्प और बालों की जड़ों में अच्छे से मसाज करें।
- रात भर लगा रहने दें और सुबह हल्के शैम्पू से धो लें।
- 2-3 महीने लगातार इस्तेमाल करने से बाल मजबूत, घने और काले नज़र आने लगते हैं।
क्या होंगे फायदे?
- करी पत्ते और भृंगराज बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं।
- आंवला विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जिससे बाल काले और घने होते हैं।
- नारियल तेल बालों को गहराई से पोषण देता है।
- जड़ों से नए उगने वाले बाल काले और मज़बूत बनते हैं।
- डैंड्रफ और हेयर फॉल की समस्या कम होती है।
- तनाव और थकान से जुड़े हेयर डैमेज को भी यह तेल ठीक करता है।
- बालों में प्राकृतिक चमक आती है।
यानी, ये घरेलू नुस्खा बालों को नेचुरल तरीके से काला, घना और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
यह नुस्खा डॉक्टर सलीम जैदी के यूट्यूब वीडियो पर आधारित है। इसका असर व्यक्ति-विशेष पर अलग-अलग हो सकता है। किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
डॉ. सलीम जैदी एक यूट्यूब वीडियो में इन कारणों को विस्तार से समझाते हैं:
White Hair होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वीडियो: Healthy Hamesha अगर आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सोर्स आपके लिए मददगार साबित होंगे:
- Ayush Ministry – आयुर्वेदिक तेल और जड़ी-बूटियाँ
- NCBI Study – Amla benefits for hair health
- Healthline – Curry Leaves for Strong Hair
- PharmEasy – Bhringraj oil benefits
- Medical News Today – Coconut Oil Hair Benefits
🌿 अंतिम शब्द
कम उम्र में बाल सफेद होना आजकल आम समस्या बन चुकी है, लेकिन सही देखभाल और आयुर्वेदिक नुस्खों से आप बालों को जड़ों से मज़बूत और काला बना सकते हैं। करी पत्ते, आंवला, भृंगराज और नारियल तेल जैसे प्राकृतिक तत्व न केवल बालों को पोषण देते हैं बल्कि डैंड्रफ, हेयर फॉल और समय से पहले सफेद होने की समस्या को भी दूर करने में मदद करते हैं।
—- समाप्त —- ◉
- ट्रंप के टैक्स (Tariff) पर बड़ा झटका! अमेरिकी अदालत ने कहा- ‘इतनी ताकत राष्ट्रपति को नहीं दी जा सकती’
अमेरिका की फेडरल अपील्स कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस विवादित नीति (Tariff) पर बड़ा झटका दिया है, जिसके तहत उन्होंने "राष्ट्रीय आपातकाल" का हवाला देकर पूरी दुनिया पर भारी-भरकम इम्पोर्ट टैक्स लगा दिए थे। ट्रंप ने अप्रैल 2025 में यह कहते हुए लगभग सभी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 10% से लेकर 50% तक के आयात शुल्क थोप दिए कि अमेरिका का लगातार बढ़ता ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) अब देश के लिए "राष्ट्रीय संकट" बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत उन्हें यह अधिकार है कि वे कांग्रेस की मंजूरी के बिना ही टैक्स लगा सकते हैं।
हालांकि, अदालत का कहना है कि ट्रंप ने इस कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल किया और अपनी संवैधानिक शक्तियों की सीमा से बाहर चले गए। अमेरिकी संविधान के मुताबिक टैक्स और Tariff लगाने का असली अधिकार कांग्रेस के पास है, लेकिन ट्रंप ने इसे बायपास करते हुए एकतरफा फैसले लिए। इसी वजह से न्यूयॉर्क की ट्रेड कोर्ट ने मई 2025 में उनके फैसले को "अनुचित और गैर-कानूनी" करार दिया था, और अब फेडरल अपील्स कोर्ट ने भी उस फैसले को ज्यादातर हिस्सों में बरकरार रखा है।
इस आदेश के बाद ट्रंप के कई Tariff सवालों के घेरे में आ गए हैं — जिनमें चीन, कनाडा, मैक्सिको समेत लगभग सभी अमेरिकी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर लगाए गए भारी शुल्क शामिल हैं। कोर्ट का मानना है कि "कांग्रेस का इरादा कभी भी राष्ट्रपति को अनलिमिटेड पावर देने का नहीं था," इसलिए ट्रंप की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती कि हर ट्रेड डेफिसिट को "राष्ट्रीय आपातकाल" घोषित कर टैक्स बढ़ाए जाएं।
क्या हुआ कोर्ट में?
शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को आए फैसले में कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रंप ने 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट का गलत इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के पुराने ट्रेड घाटे को "राष्ट्रीय आपातकाल" करार दिया और दुनिया भर पर इम्पोर्ट टैक्स (Tariff) थोप दिए।
- फैसले में न्यूयॉर्क की एक ट्रेड कोर्ट के मई 2025 के आदेश को भी ज्यादातर बरकरार रखा गया।
- हालांकि, 7-4 के फैसले में अदालत ने ट्रंप के टैक्स को तुरंत खत्म करने वाले हिस्से को हटा दिया है। यानी, ट्रंप प्रशासन के पास अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका बचा है।
यह फैसला ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने पिछले कुछ सालों से मार्केट को हिला कर रखा था, बिजनेस में अनिश्चितता बढ़ा दी थी और महंगाई व धीमी ग्रोथ की आशंका पैदा कर दी थी।
किन टैक्स को मिली चुनौती?
अदालत का फैसला सीधे तौर पर उन Tariff पर केंद्रित है, जिन्हें ट्रंप ने अप्रैल 2025 में लगभग सभी अमेरिकी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर थोप दिया था। उस वक्त ट्रंप ने दो तरह के टैक्स लगाए थे—
- 10% का बेसलाइन Tariff लगभग हर देश पर।
- 50% तक के "रिक्रिप्रोकल टैरिफ" उन देशों पर, जिनके साथ अमेरिका का बड़ा ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) था।
इससे पहले, फरवरी 2025 में, ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भी इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए भारी शुल्क लगा दिए थे। उनकी दलील थी कि ये देश न सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि गैरकानूनी प्रवासियों और ड्रग्स की तस्करी पर भी रोक लगाने में नाकाम रहे हैं।
हालांकि, सभी देशों ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानीं। कुछ बड़े आर्थिक ब्लॉक्स—जैसे ब्रिटेन, जापान और यूरोपीय संघ (EU)—ने अमेरिकी दबाव में झुकते हुए असमान व्यापार समझौते साइन कर लिए ताकि और बड़े टैक्स से बचा जा सके।
लेकिन जो देश नहीं माने, उन पर और भी ज्यादा सख्त Tariff लगाए गए:
- लाओस पर 40% शुल्क
- अल्जीरिया पर 30% शुल्क
इसके अलावा, ट्रंप ने बाकी सभी देशों पर कम से कम 10% का बेसलाइन Tariff जारी रखा। अदालत का मानना है कि इतने व्यापक स्तर पर टैक्स लगाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है, क्योंकि यह असल में कांग्रेस का क्षेत्राधिकार है।
कोर्ट ने ट्रंप के खिलाफ क्यों बोला?
डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि उन्हें वही अधिकार है जो 1970 के दशक में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस्तेमाल किया था। निक्सन ने उस समय आर्थिक संकट और डॉलर-गोल्ड स्टैंडर्ड खत्म होने के बाद आपातकाल घोषित कर टैरिफ लगाए थे। ट्रंप का तर्क था कि अगर निक्सन ऐसा कर सकते थे तो उन्हें भी इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत वही अधिकार मिलना चाहिए।
लेकिन अदालत ने ट्रंप की दलील खारिज कर दी। कोर्ट का कहना था कि ट्रंप ने इस कानून का इस्तेमाल "पावर का ओवरयूज़" करते हुए किया और यह राष्ट्रपति को अनलिमिटेड ताकत देने जैसा हो जाएगा।
न्यूयॉर्क की ट्रेड कोर्ट ने पहले ही मई 2025 में कहा था कि ट्रंप के "लिबरेशन डे टैरिफ" (जो उन्होंने 2 अप्रैल 2025 को लगाए थे) किसी भी कानूनी सीमा से बाहर हैं। अब फेडरल अपील्स कोर्ट ने भी उसी राय को मजबूत किया।
कोर्ट के शब्दों में:
"यह मानना मुश्किल है कि कांग्रेस चाहती थी कि राष्ट्रपति को बिना रोकटोक टैक्स लगाने का अधिकार मिल जाए।"यानी, अदालत ने साफ कर दिया कि राष्ट्रपति चाहे कितने भी शक्तिशाली हों, लेकिन टैक्स और Tariff लगाने का मूल अधिकार हमेशा कांग्रेस के पास ही रहेगा।
भारत पर क्या असर?:- अमेरिका के इन टैरिफ फैसलों का असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ सकता है। हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैक्स लगाया था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि "स्वदेशी (Made in India) ही है असली जवाब"। "इसी के साथ, ट्रंप ने रूस से भारत की तेल खरीद पर भी बड़ा एक्शन लिया था, जिससे भारत की ऊर्जा नीति पर सवाल खड़े हो गए।"
अब ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का क्या होगा?
Trump को बड़ा झटका! US कोर्ट ने 50% इम्पोर्ट टैक्स पर लगाई रोक, अब सुप्रीम कोर्ट में होगी अगली जंग-File: Brian Snyder/Reuters - सरकार को डर है कि अगर ये टैक्स खत्म हुए तो अब तक वसूले गए $159 बिलियन (जुलाई तक का आंकड़ा) वापस करना पड़ सकता है।
- इससे अमेरिकी खजाने पर बड़ा झटका लगेगा।
- वहीं, ट्रंप का "नेगोशिएशन टूल" भी कमजोर हो सकता है। दूसरे देश अब डील्स करने से बच सकते हैं या शर्तें फिर से तय करने की कोशिश कर सकते हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा – "अगर ये फैसला ऐसे ही रहा तो यह अमेरिका को बर्बाद कर देगा।" और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की कसम खाई है।
ट्रंप के पास और क्या विकल्प हैं?
अदालत ने भले ही ट्रंप के "आपातकाल वाले टैरिफ" को खारिज कर दिया हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके पास अब कोई रास्ता ही नहीं बचा। अमेरिकी कानून में राष्ट्रपति के पास कुछ सीमित विकल्प मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल करके वह इम्पोर्ट टैक्स लगा सकते हैं।
- 1974 ट्रेड एक्ट: इस कानून के तहत ट्रंप चाहें तो व्यापार घाटे वाले देशों पर टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन इसमें कई पाबंदियां हैं।
- अधिकतम 15% तक Tariff ही लगाया जा सकता है।
- वह भी सिर्फ 150 दिनों के लिए।
यानी लंबे समय तक और बड़े पैमाने पर टैक्स लगाने का अधिकार इस एक्ट से नहीं मिलता।
- 1962 ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट (Section 232): इसका इस्तेमाल ट्रंप पहले भी कर चुके हैं, जब उन्होंने विदेशी स्टील और एल्यूमिनियम पर शुल्क लगाया था।
- इस सेक्शन के तहत राष्ट्रपति उन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगा सकते हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाए।
- लेकिन इसमें एक शर्त है—इसके लिए पहले कॉमर्स डिपार्टमेंट की जांच जरूरी होती है। यानी राष्ट्रपति मनमर्जी से तुरंत टैक्स नहीं लगा सकते।
कुल मिलाकर, ट्रंप के पास कुछ विकल्प तो हैं, लेकिन वे न तो उतने तेज़ हैं और न ही उतने व्यापक जितना कि आपातकाल घोषित कर लगाए गए Tariff। यही वजह है कि अदालत के फैसले के बाद उनकी "फ्री हैंड" वाली पॉलिसी पर बड़ा असर पड़ेगा।
इस फैसले और टैरिफ विवाद को बेहतर समझने के लिए आप आधिकारिक स्रोत भी देख सकते हैं। U.S. Court of Appeals for the Federal Circuit की वेबसाइट पर पूरा आदेश उपलब्ध है। वहीं, ट्रंप ने जिस 1977 International Emergency Economic Powers Act का हवाला दिया था, उसकी जानकारी Cornell Law पर देखी जा सकती है। इसके अलावा, टैरिफ से जुड़े अन्य अमेरिकी कानून जैसे Trade Expansion Act of 1962 (Section 232) और Trade Act of 1974 भी महत्वपूर्ण हैं। इस पूरे विवाद पर ताज़ा अपडेट्स के लिए Reuters की रिपोर्ट्स पढ़ी जा सकती हैं।
कुल मिलाकर, यह फैसला ट्रंप की "आर्थिक ताकत" पर बड़ी चोट माना जा रहा है। अब तक ट्रंप अपनी मर्जी से पूरी दुनिया पर इम्पोर्ट टैक्स थोपते रहे थे और इसे अमेरिका की ताकत बताकर पेश करते थे। लेकिन अदालत ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति को कांग्रेस से ऊपर नहीं रखा जा सकता। अब अगली जंग सुप्रीम कोर्ट में होगी, जहां ट्रंप राहत पाने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर वहां भी उन्हें झटका मिला, तो उनकी पूरी ट्रेड पॉलिसी ढह सकती है और वैश्विक व्यापार समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
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- भोपाल से बड़ी खबर: 1 सितंबर से बंद होगा कैशलेस इलाज (Cashless Treatment)! लाखों मरीजों पर असर
अगर आपने बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस (Bajaj Allianz General Insurance) या केयर हेल्थ इंश्योरेंस (Care Health Insurance) की पॉलिसी ली है, तो आपके लिए यह बेहद चिंताजनक खबर है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़े निजी अस्पतालों ने साफ घोषणा कर दी है कि 1 सितंबर 2025 से इन दोनों कंपनियों के तहत कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा बंद कर दी जाएगी।
अस्पतालों का कहना है कि यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ रहा है। दरअसल, इंश्योरेंस कंपनियों ने हाल ही में एक नया कॉमन इम्पेनलमेंट एग्रीमेंट (Common Empanelment Agreement) लागू किया है। अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि इस नए समझौते के तहत तय की गई शर्तें उनके लिए घाटे का सौदा (Loss-making Deal) साबित होंगी।
राजधानी भोपाल (Bhopal) के अलावा प्रदेश के अन्य बड़े शहरों जैसे इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के अस्पताल भी इस फैसले के समर्थन में खड़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनियों और अस्पतालों के बीच विवाद जल्द नहीं सुलझा, तो इससे लाखों मरीजों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें अब इलाज के लिए अपनी जेब से भुगतान करना होगा।
क्यों बढ़ी मरीजों की टेंशन?
नए कॉमन इम्पेनलमेंट एग्रीमेंट (Common Empanelment Agreement) के तहत अब छोटे और बड़े अस्पतालों को एक जैसी सर्जरी के लिए समान भुगतान किया जाएगा। बड़े अस्पतालों का कहना है कि उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर लागत, डॉक्टरों की फीस, आधुनिक उपकरणों और स्टाफ खर्च छोटे अस्पतालों की तुलना में कहीं ज्यादा है। ऐसे में समान रेट पर इलाज करना उनके लिए घाटे का सौदा होगा।
इसके अलावा, पहले से ही इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट (Claim Rejection) होने और भुगतान में देरी (Payment Delay) जैसी बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों का इलाज करने के बाद भी कई बार महीनों तक भुगतान नहीं मिलता या क्लेम पूरी तरह से खारिज कर दिया जाता है।
निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रणधीर सिंह ने साफ कहा कि भोपाल समेत प्रदेश के सभी बड़े निजी अस्पताल इस फैसले के विरोध में हैं। उनका कहना है कि अगर इंश्योरेंस कंपनियां इस एग्रीमेंट में बदलाव नहीं करतीं, तो विरोध जारी रहेगा और मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से खर्च करना पड़ेगा।
मरीजों के लिए क्या विकल्प?
- सबसे बड़ी राहत – आयुष्मान भारत योजना
मध्य प्रदेश के मरीजों के लिए राहत की बात यह है कि आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana) पहले की तरह जारी रहेगी। जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड है, उन्हें न केवल राजधानी भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश के निजी और सरकारी अस्पतालों में कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा मिलती रहेगी। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों के लिए चिंता
दूसरी तरफ, जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रखी है और Cashless Treatment की उम्मीद कर रहे थे, उनके लिए यह फैसला बड़ा झटका है। बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों को अब अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहले अपनी जेब से भुगतान करना होगा और बाद में क्लेम (Reimbursement Claim) करना पड़ेगा। इससे मरीजों और उनके परिवारों पर अचानक आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
"Cashless Treatment बंद होने से मरीजों और अस्पतालों के बीच बढ़ी टेंशन" Photo: chatgpt और जानकारी के लिए आप आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट, IRDAI की हेल्थ इंश्योरेंस गाइडलाइन, Bajaj Allianz और Care Health Insurance पर विज़िट कर सकते हैं।
असर लाखों लोगों पर
अनुमान है कि सिर्फ मध्य प्रदेश में ही लाखों लोग इन दोनों कंपनियों की पॉलिसी रखते हैं। कैशलेस सुविधा बंद होने से न सिर्फ आम लोग बल्कि मिडिल क्लास परिवार भी प्रभावित होंगे, जिन्हें इमरजेंसी स्थिति में तुरंत कैश का इंतज़ाम करना मुश्किल हो सकता है।
नतीजा: मरीजों पर बढ़ेगा बोझ
नए फैसले का सीधा असर मरीजों पर पड़ेगा। 1 सितंबर से भोपाल (Bhopal) और पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा बंद हो जाएगी। अब मरीजों को इलाज के लिए पहले अपनी जेब से पैसा (Out of Pocket Payment) देना होगा और उसके बाद इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम (Reimbursement Claim) करना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खासकर मिडिल क्लास और इमरजेंसी मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी, क्योंकि अचानक बड़े खर्च को संभालना आसान नहीं होता। कई बार मरीजों को तुरंत एडमिशन के लिए भारी रकम जुटानी पड़ सकती है।
स्वास्थ्य जानकार मानते हैं कि अगर यह विवाद लंबा खिंच गया, तो इसका असर पूरे राज्य की हेल्थकेयर सर्विसेज (Healthcare Services) पर पड़ेगा और मरीजों का भरोसा हेल्थ इंश्योरेंस पर से उठ सकता है।
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- धूम मचाने आ रही है Citroen Basalt X! जानें लॉन्च डेट, फीचर्स और बुकिंग डिटेल्स
सिट्रोएन (Citroen) ने अपनी कूपे-SUV का नया स्पेशल एडिशन Basalt X टीज़र रिलीज़ करके ग्राहकों में उत्साह बढ़ा दिया है। कंपनी इसे इसी महीने लॉन्च करने जा रही है और कार प्रेमियों में इसका इंतज़ार पहले से ही तेज़ हो गया है। खास बात यह है कि हाल ही में लॉन्च हुई C3X के कुछ ही दिनों बाद Basalt X की एंट्री होने वाली है, जिससे यह साफ है कि सिट्रोएन भारतीय मार्केट में तेजी से अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। यह नई गाड़ी सिर्फ डिजाइन और स्टाइल ही नहीं बल्कि एडवांस फीचर्स के कारण भी चर्चा में है। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का मानना है कि Basalt X कंपनी का ऐसा वेरिएंट होगा, जो SUV लवर्स को प्रीमियम और हाई-टेक अनुभव देने वाला है। अब सवाल यही है कि आखिर इसमें ऐसा क्या नया मिलेगा, जो इसे खास बनाएगा। आइए जानते हैं, इस नए वेरिएंट की डिटेल्स।
स्टाइल से आराम तक: गाड़ी का एक्सटीरियर और इंटीरियर
नए Basalt X में कई नई और प्रीमियम फीचर्स मिलने की उम्मीद है, जो इसे स्टैंडर्ड मॉडल से अलग और ज्यादा आकर्षक बनाएंगे। आइए जानते हैं इसमें क्या-क्या नया हो सकता है:
- की-लेस एंट्री और इंजन स्टार्ट/स्टॉप बटन – अब चाबी निकालने की जरूरत नहीं, बस बटन दबाएं और गाड़ी स्टार्ट!
- नई अपहोल्स्ट्री और इंटीरियर फिनिश – सीटें और डैशबोर्ड में ज्यादा प्रीमियम लुक और आराम।
- 360-डिग्री कैमरा – पार्किंग और टर्निंग के दौरान हर एंगल की स्पष्ट व्यू।
- एडवांसेड इंफोटेनमेंट सिस्टम – टचस्क्रीन, स्मार्ट कनेक्टिविटी और बेहतर ऑडियो अनुभव।
- स्मार्ट सेफ्टी फीचर्स – एयरबैग्स, ABS, EBD और संभवतः ADAS सपोर्ट।
डिज़ाइन और कलर पैलेट
गाड़ी का लुक पहले जैसा ही रखा गया है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस पर नया ‘Basalt X’ बैज मिलेगा, जो इसे स्टैंडर्ड मॉडल से अलग करेगा।पोजिशनिंग और प्रीमियम टच
Basalt X को स्टैंडर्ड Basalt से ऊपर पोजिशन किया गया है। यानी इसमें कंपनी के सभी हाई-एंड फीचर्स शामिल होंगे, जो इसे शहरी और प्रीमियम SUV सेगमेंट में और मजबूत बनाते हैं।Basalt X 2025 – हाई-एंड फीचर्स और रेस्ट आर्म के साथ प्रीमियम टच पावरट्रेन की ताकत: इंजन से व्हील तक
Basalt X में वही दमदार 1.2-लीटर, 3-सिलेंडर, टर्बो-पेट्रोल इंजन दिया जाएगा, जो इसके स्टैंडर्ड वर्जन में भी इस्तेमाल होता है। यह इंजन अपनी स्मूद परफॉर्मेंस और बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी के लिए जाना जाता है। यह इंजन 108bhp की पावर और 205Nm तक का टॉर्क जनरेट करता है, जो ड्राइविंग को और भी मज़ेदार और रेस्पॉन्सिव बनाता है। ट्रांसमिशन ऑप्शन्स के हिसाब से इसका आउटपुट थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे यूज़र्स को अपनी ड्राइविंग स्टाइल के अनुसार बेहतर विकल्प मिलेगा। कंपनी का दावा है कि यह इंजन न सिर्फ सिटी ड्राइविंग के लिए परफेक्ट है, बल्कि हाईवे पर भी शानदार पिक-अप और स्टेबिलिटी देगा। यानी, Basalt X को उन लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो SUV की ताकत और प्रीमियम ड्राइविंग एक्सपीरियंस, दोनों का मज़ा लेना चाहते हैं।
लॉन्च और प्री-बुकिंग: जानें सब कुछ
Citroen अपनी नई Basalt X को 5 सितंबर 2025 को आधिकारिक तौर पर लॉन्च करने जा रही है। इसी दिन कंपनी अपने बड़े प्लान Citroen 2.0 रोडमैप की भी घोषणा करेगी, जिससे आने वाले समय में ब्रांड की भारत में स्ट्रैटेजी और साफ हो जाएगी। कार प्रेमियों के लिए यह दिन काफी खास होने वाला है, क्योंकि Basalt X को कंपनी टॉप-एंड वेरिएंट के तौर पर पेश करेगी।
अगर आप इस स्पेशल एडिशन SUV को सबसे पहले अपने गैराज में लाना चाहते हैं, तो ज्यादा इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है। Citroen ने इसके लिए प्री-बुकिंग शुरू कर दी है, और ग्राहक सिर्फ ₹11,000 के टोकन अमाउंट पर इसे बुक कर सकते हैं। यानी, कम खर्च में आप इस नई SUV को लॉक कर सकते हैं और लॉन्चिंग के बाद डिलीवरी पाने वालों में सबसे आगे रह सकते हैं।
कारों के बारे में अधिक समाचार, समीक्षा, वीडियो और जानकारी के लिए CarWale.com पर जाएं।
Citroën Basalt X 2025 – प्रीमियम इंटीरियर, रेस्ट आर्म और सेफ्टी फीचर्स के साथ - On-road Price Check – Basalt X 2025
जानें Citroën Basalt X की दिल्ली में ऑन-रोड कीमत ₹15,33,705 तक। - Upcoming Cars in September 2025
सितंबर 2025 में लॉन्च होने वाली नई कारों की सूची में Citroën Basalt X भी शामिल है। - Compare Cars – Basalt X vs Competitors
Citroën Basalt X की तुलना करें Tata Curvv, Hyundai Creta, और Kia Seltos जैसी कारों से। - Dealer Locator – Find Basalt X Near You
अपने नजदीकी Citroën डीलरशिप की जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष:
नया Basalt X 2025 स्टैंडर्ड मॉडल से ऊपर पोजिशनिंग और प्रीमियम फीचर्स के साथ आता है। इसकी की-लेस एंट्री, 360° कैमरा, नई अपहोल्स्ट्री और एडवांसेड सेफ्टी इसे शहरी और प्रीमियम SUV सेगमेंट में एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। चाहे आप ऑन-रोड प्राइस चेक करना चाहते हों, गाड़ी की तुलना करनी हो या नजदीकी डीलरशिप ढूँढनी हो, Basalt X हर मायने में अपडेटेड और हाई-एंड अनुभव देने के लिए तैयार है।—- समाप्त —- ◉
कुल मिलाकर, अफवाहों के बीच खुद ट्रंप का कहना है कि वे पहले से ज्यादा फिट हैं और राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां पूरी ऊर्जा से निभा रहे हैं।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
- सुबह बासी मुंह चबाएं Neem की 3-4 पत्तियां, दांत से लेकर पाचन तक मिलेगी चमत्कारी राहत!
Neem Ke Patte Khane Ke Fayde: नीम को आयुर्वेद में सेहत का खजाना माना गया है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल सदियों से औषधीय गुणों की वजह से किया जाता रहा है। नीम की पत्तियों (Neem Leaves) में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन और कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन E, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, फाइबर और आयरन शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और हेल्दी लाइफस्टाइल को सपोर्ट करते हैं।
अगर आप सुबह बासी मुंह या खाली पेट नीम की 3-4 कोमल पत्तियां चबाकर खाते हैं, तो यह डिटॉक्स का काम करता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर खून को साफ करता है, जिससे स्किन पर नेचुरल ग्लो आता है और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। नीम की पत्तियां कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने, शुगर लेवल बैलेंस करने और लीवर को हेल्दी रखने में भी मददगार मानी जाती हैं।
नीम की पत्तियां खाने से मिलने वाले फायदे
1. मुंह की समस्याओं से राहत (Neem Ke Patte for Oral Health)
अगर आप मुंह से जुड़ी परेशानियों जैसे दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन या मुंह के छाले से बार-बार परेशान रहते हैं, तो Neem Ke Patte आपके लिए रामबाण साबित हो सकते हैं। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और मुंह की सफाई बनाए रखते हैं। नियमित रूप से सुबह खाली पेट नीम की 3-4 पत्तियां चबाने से मुंह की दुर्गंध भी कम हो जाती है।
दांतों का पीलापन हटाने और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए नीम की दातुन का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि नीम की दातुन न सिर्फ दांतों को मजबूत बनाती है बल्कि कैविटी, पायरिया और गम्स की सूजन जैसी समस्याओं को भी दूर रखती है।
Neem leaves consumption for immunity and wellness. Photo: chatgpt 2. स्किन को चमकदार बनाए (Neem Ke Patte for Glowing Skin)
सुबह खाली पेट Neem Ke Patte खाने से त्वचा पर गजब का असर दिख सकता है। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण स्किन को अंदर से क्लीन करते हैं और उसे हेल्दी ग्लो देने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से मुंहासे, एक्जिमा, डर्मेटाइटिस और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती हैं।
इसके अलावा, नीम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे चेहरे पर नेचुरल ब्राइटनेस और क्लियरनेस आती है। कई ब्यूटी एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि Neem Ke Patte का सेवन करने से स्किन पर एजिंग के असर धीमे पड़ते हैं और दाग-धब्बों से छुटकारा पाने में भी मदद मिलती है।
3. पाचन तंत्र को मजबूत करे (Neem Ke Patte for Digestion)
आजकल बदलती लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान की वजह से पेट की समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच आम हो गई हैं। ऐसे में Neem Ke Patte का सेवन आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण आंतों को साफ रखने के साथ हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
सुबह खाली पेट 3-4 Neem Ke Patte चबाकर खाने से पाचन शक्ति बेहतर होती है, शरीर को पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित करने में मदद मिलती है और पेट लंबे समय तक हल्का और आरामदायक महसूस करता है। नीम का सेवन पाचन से जुड़ी क्रॉनिक समस्याओं जैसे एसिडिटी और कब्ज से भी राहत दिला सकता है।
4. संक्रमण से बचाए (Neem Ke Patte for Immunity & Infection)
मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, बुखार और वायरल संक्रमण जैसी समस्याएं तेजी से फैलने लगती हैं। ऐसे समय पर इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। नीम की पत्तियां (Neem Ke Patte) प्राकृतिक रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती हैं।
नीम की पत्तियां (Neem leaves) खाने के फायदे – रोग प्रतिरोधक क्षमता और सेहतमंद जीवन। Photo: chatgpt इनमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। अगर आप सुबह खाली पेट 3-4 Neem Ke Patte नियमित रूप से खाते हैं, तो इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है और मौसमी संक्रमण से बचाव होता है।
यही वजह है कि आयुर्वेद में Neem Ke Patte को संक्रमण रोकने और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए बेहद असरदार माना गया है।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
- सुबह बासी मुंह चबाएं Neem की 3-4 पत्तियां, दांत से लेकर पाचन तक मिलेगी चमत्कारी राहत!
- भरी जवानी में White Hair हो रहे है। बस इन पत्तों से बनाइए जादुई तेल, मिलेंगे काले-घने बाल!
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- धूम मचाने आ रही है Citroen Basalt X! जानें लॉन्च डेट, फीचर्स और बुकिंग डिटेल्स
अस्वीकरण: यहां दी गई सभी जानकारी घरेलू नुस्खों और पारंपरिक आयुर्वेदिक मान्यताओं पर आधारित है। Neem Ke Patte या अन्य किसी भी घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से पहले यह समझना जरूरी है कि यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है।
इसे किसी भी स्थिति में डॉक्टर की सलाह या उपचार का विकल्प न मानें। अगर आपको पहले से कोई गंभीर बीमारी है या नीम की पत्तियां (Neem Ke Patte) खाने के बाद कोई समस्या महसूस होती है, तो तुरंत किसी योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।
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- भरी जवानी में White Hair हो रहे है। बस इन पत्तों से बनाइए जादुई तेल, मिलेंगे काले-घने बाल!
आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद (White Hair) होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण हमारी बदलती लाइफस्टाइल, खराब खान-पान, तनाव और प्रदूषण को माना जाता है। पहले जहां बालों के सफेद होने को बढ़ती उम्र का संकेत माना जाता था, वहीं अब 18–20 साल की उम्र में भी कई लोगों के सिर पर सफेद बाल (White Hair) नजर आने लगे हैं। अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं और चाहते हैं कि आपके बाल जड़ों से काले, घने और मजबूत बनें, तो आपके लिए एक आसान और असरदार आयुर्वेदिक नुस्खा मौजूद है।इस नुस्खे की खासियत यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजें पूरी तरह नेचुरल और घर पर आसानी से मिलने वाली हैं, जैसे करी पत्ते, आंवला, भृंगराज और नारियल तेल। इनका कॉम्बिनेशन बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाता है, जिससे सफेद बालों को दोबारा काला करने में मदद मिलती है। साथ ही यह बालों को टूटने, झड़ने और कमजोर होने से भी बचाता है।
करी पत्तों में मौजूद ऐंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स बालों की जड़ों को एक्टिव करते हैं, आंवला विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से हेयर पिगमेंट को बढ़ाता है, जबकि भृंगराज आयुर्वेद में “बालों का राजा” कहा जाता है क्योंकि यह बालों को नेचुरल काला और घना बनाने में बेहद फायदेमंद है। नारियल तेल इन सभी चीजों को बालों की जड़ों तक गहराई से पहुंचाने का काम करता है। अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो आप कुछ ही हफ्तों में फर्क देख सकते हैं। यह नुस्खा महंगे हेयर डाई और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का नेचुरल और सस्ता विकल्प भी है।
क्यों होते हैं समय से पहले White Hair?
आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी के अनुसार, बालों के समय से पहले सफेद (White Hair) होने की सबसे बड़ी वजह है मेलेनिन पिगमेंट की कमी। मेलेनिन वह रंगद्रव्य (pigment) है जो बालों, त्वचा और आंखों को प्राकृतिक रंग देता है। जब यह कम हो जाता है, तो बाल सफेद या भूरे होने लगते हैं।
इसके अलावा, डॉक्टर सलीम जैदी ने कई अन्य आम कारण भी बताए हैं:
- प्रदूषण (Pollution): वातावरण में मौजूद हानिकारक कीटनाशक और धूल-मिट्टी बालों की जड़ों को कमजोर कर, सफेद बालों को बढ़ावा दे सकते हैं।
- जेनेटिक कारक (Genetic Reasons): माता-पिता की ओर से प्राप्त जीन के कारण भी बाल जल्दी सफेद हो सकते हैं।
- पोषण की कमी (Nutrient Deficiency): विटामिन B12, आयरन, प्रोटीन और ज़िंक जैसे पोषक तत्वों की कमियाँ भी बाल रंग में सफेदी ला सकती हैं।
- तनाव (Stress): मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे मेलेनिन उत्पादन प्रभावित होता है।
- धूम्रपान (Smoking): तम्बाकू का सेवन बालों को जल्दी उम्र बढ़ने का संकेत दे सकता है, जिससे सफेदी तेज़ होती है।
सफेद बालों को काला करने का आयुर्वेदिक नुस्खा
Coconut oil simmering with herbs (White Hair)–Photo: ChatGpt ज़रूरी सामग्री
- करी पत्ते (Curry Leaves) – इसमें एंटीऑक्सीडेंट और बीटा-कैरोटीन होता है, जो बालों की जड़ों को मज़बूती देता है और मेलेनिन को बढ़ावा देता है।
- आंवला (Amla) – विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है। यह स्कैल्प को ठंडक देता है और बालों के समय से पहले सफेद होने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
- भृंगराज (Bhringraj) – आयुर्वेद में इसे “किंग ऑफ हेयर” कहा जाता है। यह बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है और कालेपन को बनाए रखने में मदद करता है।
- नारियल तेल (Coconut Oil) – यह बेस ऑयल की तरह काम करता है। इसमें मौजूद फैटी एसिड्स बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचाते हैं।
इन सामग्रियों की मात्रा आप अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- नारियल तेल – 1 कपसकते हैं।
- करी पत्ते – 1 मुट्ठी
- आंवला पाउडर – 2 बड़े चम्मच (या 2-3 ताजे आंवले टुकड़ों में कटे हुए)
- भृंगराज पाउडर – 2 बड़े चम्मच
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक तेल
- सबसे पहले एक कांच का जार लें और उसमें नारियल तेल भर लें।
- सूखे आंवले को हल्का कूटकर तेल में डालें।
- करी पत्तों को पीसकर मिलाएं।
- सूखा भृंगराज भी हल्का तोड़कर डाल दें।
- अब जार को ढककर 3 हफ्तों तक धूप में रखें।
(अगर धूप उपलब्ध न हो तो इसे कड़ाही में पकाकर भी तैयार किया जा सकता है।)
कड़ाही में बनाने की विधि
- सबसे पहले नारियल तेल को एक लोहे की कड़ाही में डालें।
- इसमें करी पत्ते, आंवला और भृंगराज डालकर धीमी आंच पर 8-10 मिनट तक पकाएं।
- जब पत्ते और आंवला काले पड़ने लगें और तेल की खुशबू बदल जाए, तो गैस बंद कर दें।
- इस तेल को ठंडा करके छान लें और कांच की बोतल में भरकर रखें।
इस प्रक्रिया से सभी औषधीय गुण तेल में घुल जाएंगे।
इस्तेमाल करने का तरीका
Benefits of applying Ayurvedic hair oil (White Hair)-Photo: ChatGpt - इस तेल को हफ्ते में 2-3 बार स्कैल्प और बालों की जड़ों में अच्छे से मसाज करें।
- रात भर लगा रहने दें और सुबह हल्के शैम्पू से धो लें।
- 2-3 महीने लगातार इस्तेमाल करने से बाल मजबूत, घने और काले नज़र आने लगते हैं।
क्या होंगे फायदे?
- करी पत्ते और भृंगराज बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं।
- आंवला विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जिससे बाल काले और घने होते हैं।
- नारियल तेल बालों को गहराई से पोषण देता है।
- जड़ों से नए उगने वाले बाल काले और मज़बूत बनते हैं।
- डैंड्रफ और हेयर फॉल की समस्या कम होती है।
- तनाव और थकान से जुड़े हेयर डैमेज को भी यह तेल ठीक करता है।
- बालों में प्राकृतिक चमक आती है।
यानी, ये घरेलू नुस्खा बालों को नेचुरल तरीके से काला, घना और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
यह नुस्खा डॉक्टर सलीम जैदी के यूट्यूब वीडियो पर आधारित है। इसका असर व्यक्ति-विशेष पर अलग-अलग हो सकता है। किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
डॉ. सलीम जैदी एक यूट्यूब वीडियो में इन कारणों को विस्तार से समझाते हैं:
White Hair होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वीडियो: Healthy Hamesha अगर आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सोर्स आपके लिए मददगार साबित होंगे:
- Ayush Ministry – आयुर्वेदिक तेल और जड़ी-बूटियाँ
- NCBI Study – Amla benefits for hair health
- Healthline – Curry Leaves for Strong Hair
- PharmEasy – Bhringraj oil benefits
- Medical News Today – Coconut Oil Hair Benefits
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
- सुबह बासी मुंह चबाएं Neem की 3-4 पत्तियां, दांत से लेकर पाचन तक मिलेगी चमत्कारी राहत!
- भरी जवानी में White Hair हो रहे है। बस इन पत्तों से बनाइए जादुई तेल, मिलेंगे काले-घने बाल!
- ट्रंप के टैक्स (Tariff) पर बड़ा झटका! अमेरिकी अदालत ने कहा- ‘इतनी ताकत राष्ट्रपति को नहीं दी जा सकती’
- भोपाल से बड़ी खबर: 1 सितंबर से बंद होगा कैशलेस इलाज (Cashless Treatment)! लाखों मरीजों पर असर
- धूम मचाने आ रही है Citroen Basalt X! जानें लॉन्च डेट, फीचर्स और बुकिंग डिटेल्स
🌿 अंतिम शब्द
कम उम्र में बाल सफेद होना आजकल आम समस्या बन चुकी है, लेकिन सही देखभाल और आयुर्वेदिक नुस्खों से आप बालों को जड़ों से मज़बूत और काला बना सकते हैं। करी पत्ते, आंवला, भृंगराज और नारियल तेल जैसे प्राकृतिक तत्व न केवल बालों को पोषण देते हैं बल्कि डैंड्रफ, हेयर फॉल और समय से पहले सफेद होने की समस्या को भी दूर करने में मदद करते हैं।
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- ट्रंप के टैक्स (Tariff) पर बड़ा झटका! अमेरिकी अदालत ने कहा- ‘इतनी ताकत राष्ट्रपति को नहीं दी जा सकती’
अमेरिका की फेडरल अपील्स कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस विवादित नीति (Tariff) पर बड़ा झटका दिया है, जिसके तहत उन्होंने “राष्ट्रीय आपातकाल” का हवाला देकर पूरी दुनिया पर भारी-भरकम इम्पोर्ट टैक्स लगा दिए थे। ट्रंप ने अप्रैल 2025 में यह कहते हुए लगभग सभी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 10% से लेकर 50% तक के आयात शुल्क थोप दिए कि अमेरिका का लगातार बढ़ता ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) अब देश के लिए “राष्ट्रीय संकट” बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत उन्हें यह अधिकार है कि वे कांग्रेस की मंजूरी के बिना ही टैक्स लगा सकते हैं।
हालांकि, अदालत का कहना है कि ट्रंप ने इस कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल किया और अपनी संवैधानिक शक्तियों की सीमा से बाहर चले गए। अमेरिकी संविधान के मुताबिक टैक्स और Tariff लगाने का असली अधिकार कांग्रेस के पास है, लेकिन ट्रंप ने इसे बायपास करते हुए एकतरफा फैसले लिए। इसी वजह से न्यूयॉर्क की ट्रेड कोर्ट ने मई 2025 में उनके फैसले को “अनुचित और गैर-कानूनी” करार दिया था, और अब फेडरल अपील्स कोर्ट ने भी उस फैसले को ज्यादातर हिस्सों में बरकरार रखा है।
इस आदेश के बाद ट्रंप के कई Tariff सवालों के घेरे में आ गए हैं — जिनमें चीन, कनाडा, मैक्सिको समेत लगभग सभी अमेरिकी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर लगाए गए भारी शुल्क शामिल हैं। कोर्ट का मानना है कि “कांग्रेस का इरादा कभी भी राष्ट्रपति को अनलिमिटेड पावर देने का नहीं था,” इसलिए ट्रंप की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती कि हर ट्रेड डेफिसिट को “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित कर टैक्स बढ़ाए जाएं।
क्या हुआ कोर्ट में?
शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को आए फैसले में कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रंप ने 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट का गलत इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के पुराने ट्रेड घाटे को “राष्ट्रीय आपातकाल” करार दिया और दुनिया भर पर इम्पोर्ट टैक्स (Tariff) थोप दिए।
- फैसले में न्यूयॉर्क की एक ट्रेड कोर्ट के मई 2025 के आदेश को भी ज्यादातर बरकरार रखा गया।
- हालांकि, 7-4 के फैसले में अदालत ने ट्रंप के टैक्स को तुरंत खत्म करने वाले हिस्से को हटा दिया है। यानी, ट्रंप प्रशासन के पास अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका बचा है।
यह फैसला ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने पिछले कुछ सालों से मार्केट को हिला कर रखा था, बिजनेस में अनिश्चितता बढ़ा दी थी और महंगाई व धीमी ग्रोथ की आशंका पैदा कर दी थी।
किन टैक्स को मिली चुनौती?
अदालत का फैसला सीधे तौर पर उन Tariff पर केंद्रित है, जिन्हें ट्रंप ने अप्रैल 2025 में लगभग सभी अमेरिकी ट्रेडिंग पार्टनर्स पर थोप दिया था। उस वक्त ट्रंप ने दो तरह के टैक्स लगाए थे—
- 10% का बेसलाइन Tariff लगभग हर देश पर।
- 50% तक के “रिक्रिप्रोकल टैरिफ” उन देशों पर, जिनके साथ अमेरिका का बड़ा ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) था।
इससे पहले, फरवरी 2025 में, ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भी इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए भारी शुल्क लगा दिए थे। उनकी दलील थी कि ये देश न सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि गैरकानूनी प्रवासियों और ड्रग्स की तस्करी पर भी रोक लगाने में नाकाम रहे हैं।
हालांकि, सभी देशों ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानीं। कुछ बड़े आर्थिक ब्लॉक्स—जैसे ब्रिटेन, जापान और यूरोपीय संघ (EU)—ने अमेरिकी दबाव में झुकते हुए असमान व्यापार समझौते साइन कर लिए ताकि और बड़े टैक्स से बचा जा सके।
लेकिन जो देश नहीं माने, उन पर और भी ज्यादा सख्त Tariff लगाए गए:
- लाओस पर 40% शुल्क
- अल्जीरिया पर 30% शुल्क
इसके अलावा, ट्रंप ने बाकी सभी देशों पर कम से कम 10% का बेसलाइन Tariff जारी रखा। अदालत का मानना है कि इतने व्यापक स्तर पर टैक्स लगाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है, क्योंकि यह असल में कांग्रेस का क्षेत्राधिकार है।
कोर्ट ने ट्रंप के खिलाफ क्यों बोला?
डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि उन्हें वही अधिकार है जो 1970 के दशक में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस्तेमाल किया था। निक्सन ने उस समय आर्थिक संकट और डॉलर-गोल्ड स्टैंडर्ड खत्म होने के बाद आपातकाल घोषित कर टैरिफ लगाए थे। ट्रंप का तर्क था कि अगर निक्सन ऐसा कर सकते थे तो उन्हें भी इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत वही अधिकार मिलना चाहिए।
लेकिन अदालत ने ट्रंप की दलील खारिज कर दी। कोर्ट का कहना था कि ट्रंप ने इस कानून का इस्तेमाल “पावर का ओवरयूज़” करते हुए किया और यह राष्ट्रपति को अनलिमिटेड ताकत देने जैसा हो जाएगा।
न्यूयॉर्क की ट्रेड कोर्ट ने पहले ही मई 2025 में कहा था कि ट्रंप के “लिबरेशन डे टैरिफ” (जो उन्होंने 2 अप्रैल 2025 को लगाए थे) किसी भी कानूनी सीमा से बाहर हैं। अब फेडरल अपील्स कोर्ट ने भी उसी राय को मजबूत किया।
कोर्ट के शब्दों में:
“यह मानना मुश्किल है कि कांग्रेस चाहती थी कि राष्ट्रपति को बिना रोकटोक टैक्स लगाने का अधिकार मिल जाए।”यानी, अदालत ने साफ कर दिया कि राष्ट्रपति चाहे कितने भी शक्तिशाली हों, लेकिन टैक्स और Tariff लगाने का मूल अधिकार हमेशा कांग्रेस के पास ही रहेगा।
भारत पर क्या असर?:- अमेरिका के इन टैरिफ फैसलों का असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ सकता है। हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैक्स लगाया था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि “स्वदेशी (Made in India) ही है असली जवाब”। “इसी के साथ, ट्रंप ने रूस से भारत की तेल खरीद पर भी बड़ा एक्शन लिया था, जिससे भारत की ऊर्जा नीति पर सवाल खड़े हो गए।”
अब ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का क्या होगा?
Trump को बड़ा झटका! US कोर्ट ने 50% इम्पोर्ट टैक्स पर लगाई रोक, अब सुप्रीम कोर्ट में होगी अगली जंग-File: Brian Snyder/Reuters - सरकार को डर है कि अगर ये टैक्स खत्म हुए तो अब तक वसूले गए $159 बिलियन (जुलाई तक का आंकड़ा) वापस करना पड़ सकता है।
- इससे अमेरिकी खजाने पर बड़ा झटका लगेगा।
- वहीं, ट्रंप का “नेगोशिएशन टूल” भी कमजोर हो सकता है। दूसरे देश अब डील्स करने से बच सकते हैं या शर्तें फिर से तय करने की कोशिश कर सकते हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा – “अगर ये फैसला ऐसे ही रहा तो यह अमेरिका को बर्बाद कर देगा।” और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की कसम खाई है।
ट्रंप के पास और क्या विकल्प हैं?
अदालत ने भले ही ट्रंप के “आपातकाल वाले टैरिफ” को खारिज कर दिया हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके पास अब कोई रास्ता ही नहीं बचा। अमेरिकी कानून में राष्ट्रपति के पास कुछ सीमित विकल्प मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल करके वह इम्पोर्ट टैक्स लगा सकते हैं।
- 1974 ट्रेड एक्ट: इस कानून के तहत ट्रंप चाहें तो व्यापार घाटे वाले देशों पर टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन इसमें कई पाबंदियां हैं।
- अधिकतम 15% तक Tariff ही लगाया जा सकता है।
- वह भी सिर्फ 150 दिनों के लिए।
यानी लंबे समय तक और बड़े पैमाने पर टैक्स लगाने का अधिकार इस एक्ट से नहीं मिलता।
- 1962 ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट (Section 232): इसका इस्तेमाल ट्रंप पहले भी कर चुके हैं, जब उन्होंने विदेशी स्टील और एल्यूमिनियम पर शुल्क लगाया था।
- इस सेक्शन के तहत राष्ट्रपति उन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगा सकते हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाए।
- लेकिन इसमें एक शर्त है—इसके लिए पहले कॉमर्स डिपार्टमेंट की जांच जरूरी होती है। यानी राष्ट्रपति मनमर्जी से तुरंत टैक्स नहीं लगा सकते।
कुल मिलाकर, ट्रंप के पास कुछ विकल्प तो हैं, लेकिन वे न तो उतने तेज़ हैं और न ही उतने व्यापक जितना कि आपातकाल घोषित कर लगाए गए Tariff। यही वजह है कि अदालत के फैसले के बाद उनकी “फ्री हैंड” वाली पॉलिसी पर बड़ा असर पड़ेगा।
इस फैसले और टैरिफ विवाद को बेहतर समझने के लिए आप आधिकारिक स्रोत भी देख सकते हैं। U.S. Court of Appeals for the Federal Circuit की वेबसाइट पर पूरा आदेश उपलब्ध है। वहीं, ट्रंप ने जिस 1977 International Emergency Economic Powers Act का हवाला दिया था, उसकी जानकारी Cornell Law पर देखी जा सकती है। इसके अलावा, टैरिफ से जुड़े अन्य अमेरिकी कानून जैसे Trade Expansion Act of 1962 (Section 232) और Trade Act of 1974 भी महत्वपूर्ण हैं। इस पूरे विवाद पर ताज़ा अपडेट्स के लिए Reuters की रिपोर्ट्स पढ़ी जा सकती हैं।
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- भोपाल से बड़ी खबर: 1 सितंबर से बंद होगा कैशलेस इलाज (Cashless Treatment)! लाखों मरीजों पर असर
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कुल मिलाकर, यह फैसला ट्रंप की “आर्थिक ताकत” पर बड़ी चोट माना जा रहा है। अब तक ट्रंप अपनी मर्जी से पूरी दुनिया पर इम्पोर्ट टैक्स थोपते रहे थे और इसे अमेरिका की ताकत बताकर पेश करते थे। लेकिन अदालत ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति को कांग्रेस से ऊपर नहीं रखा जा सकता। अब अगली जंग सुप्रीम कोर्ट में होगी, जहां ट्रंप राहत पाने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर वहां भी उन्हें झटका मिला, तो उनकी पूरी ट्रेड पॉलिसी ढह सकती है और वैश्विक व्यापार समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
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- भोपाल से बड़ी खबर: 1 सितंबर से बंद होगा कैशलेस इलाज (Cashless Treatment)! लाखों मरीजों पर असर
अगर आपने बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस (Bajaj Allianz General Insurance) या केयर हेल्थ इंश्योरेंस (Care Health Insurance) की पॉलिसी ली है, तो आपके लिए यह बेहद चिंताजनक खबर है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़े निजी अस्पतालों ने साफ घोषणा कर दी है कि 1 सितंबर 2025 से इन दोनों कंपनियों के तहत कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा बंद कर दी जाएगी।
अस्पतालों का कहना है कि यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ रहा है। दरअसल, इंश्योरेंस कंपनियों ने हाल ही में एक नया कॉमन इम्पेनलमेंट एग्रीमेंट (Common Empanelment Agreement) लागू किया है। अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि इस नए समझौते के तहत तय की गई शर्तें उनके लिए घाटे का सौदा (Loss-making Deal) साबित होंगी।
राजधानी भोपाल (Bhopal) के अलावा प्रदेश के अन्य बड़े शहरों जैसे इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के अस्पताल भी इस फैसले के समर्थन में खड़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनियों और अस्पतालों के बीच विवाद जल्द नहीं सुलझा, तो इससे लाखों मरीजों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें अब इलाज के लिए अपनी जेब से भुगतान करना होगा।
क्यों बढ़ी मरीजों की टेंशन?
नए कॉमन इम्पेनलमेंट एग्रीमेंट (Common Empanelment Agreement) के तहत अब छोटे और बड़े अस्पतालों को एक जैसी सर्जरी के लिए समान भुगतान किया जाएगा। बड़े अस्पतालों का कहना है कि उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर लागत, डॉक्टरों की फीस, आधुनिक उपकरणों और स्टाफ खर्च छोटे अस्पतालों की तुलना में कहीं ज्यादा है। ऐसे में समान रेट पर इलाज करना उनके लिए घाटे का सौदा होगा।
इसके अलावा, पहले से ही इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट (Claim Rejection) होने और भुगतान में देरी (Payment Delay) जैसी बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों का इलाज करने के बाद भी कई बार महीनों तक भुगतान नहीं मिलता या क्लेम पूरी तरह से खारिज कर दिया जाता है।
निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रणधीर सिंह ने साफ कहा कि भोपाल समेत प्रदेश के सभी बड़े निजी अस्पताल इस फैसले के विरोध में हैं। उनका कहना है कि अगर इंश्योरेंस कंपनियां इस एग्रीमेंट में बदलाव नहीं करतीं, तो विरोध जारी रहेगा और मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से खर्च करना पड़ेगा।
मरीजों के लिए क्या विकल्प?
- सबसे बड़ी राहत – आयुष्मान भारत योजना
मध्य प्रदेश के मरीजों के लिए राहत की बात यह है कि आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana) पहले की तरह जारी रहेगी। जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड है, उन्हें न केवल राजधानी भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश के निजी और सरकारी अस्पतालों में कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा मिलती रहेगी। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों के लिए चिंता
दूसरी तरफ, जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रखी है और Cashless Treatment की उम्मीद कर रहे थे, उनके लिए यह फैसला बड़ा झटका है। बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों को अब अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहले अपनी जेब से भुगतान करना होगा और बाद में क्लेम (Reimbursement Claim) करना पड़ेगा। इससे मरीजों और उनके परिवारों पर अचानक आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
“Cashless Treatment बंद होने से मरीजों और अस्पतालों के बीच बढ़ी टेंशन” Photo: chatgpt और जानकारी के लिए आप आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट, IRDAI की हेल्थ इंश्योरेंस गाइडलाइन, Bajaj Allianz और Care Health Insurance पर विज़िट कर सकते हैं।
असर लाखों लोगों पर
अनुमान है कि सिर्फ मध्य प्रदेश में ही लाखों लोग इन दोनों कंपनियों की पॉलिसी रखते हैं। कैशलेस सुविधा बंद होने से न सिर्फ आम लोग बल्कि मिडिल क्लास परिवार भी प्रभावित होंगे, जिन्हें इमरजेंसी स्थिति में तुरंत कैश का इंतज़ाम करना मुश्किल हो सकता है।
नतीजा: मरीजों पर बढ़ेगा बोझ
नए फैसले का सीधा असर मरीजों पर पड़ेगा। 1 सितंबर से भोपाल (Bhopal) और पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) की सुविधा बंद हो जाएगी। अब मरीजों को इलाज के लिए पहले अपनी जेब से पैसा (Out of Pocket Payment) देना होगा और उसके बाद इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम (Reimbursement Claim) करना पड़ेगा।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
- सुबह बासी मुंह चबाएं Neem की 3-4 पत्तियां, दांत से लेकर पाचन तक मिलेगी चमत्कारी राहत!
- भरी जवानी में White Hair हो रहे है। बस इन पत्तों से बनाइए जादुई तेल, मिलेंगे काले-घने बाल!
- ट्रंप के टैक्स (Tariff) पर बड़ा झटका! अमेरिकी अदालत ने कहा- ‘इतनी ताकत राष्ट्रपति को नहीं दी जा सकती’
- भोपाल से बड़ी खबर: 1 सितंबर से बंद होगा कैशलेस इलाज (Cashless Treatment)! लाखों मरीजों पर असर
- धूम मचाने आ रही है Citroen Basalt X! जानें लॉन्च डेट, फीचर्स और बुकिंग डिटेल्स
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खासकर मिडिल क्लास और इमरजेंसी मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी, क्योंकि अचानक बड़े खर्च को संभालना आसान नहीं होता। कई बार मरीजों को तुरंत एडमिशन के लिए भारी रकम जुटानी पड़ सकती है।
स्वास्थ्य जानकार मानते हैं कि अगर यह विवाद लंबा खिंच गया, तो इसका असर पूरे राज्य की हेल्थकेयर सर्विसेज (Healthcare Services) पर पड़ेगा और मरीजों का भरोसा हेल्थ इंश्योरेंस पर से उठ सकता है।
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- धूम मचाने आ रही है Citroen Basalt X! जानें लॉन्च डेट, फीचर्स और बुकिंग डिटेल्स
सिट्रोएन (Citroen) ने अपनी कूपे-SUV का नया स्पेशल एडिशन Basalt X टीज़र रिलीज़ करके ग्राहकों में उत्साह बढ़ा दिया है। कंपनी इसे इसी महीने लॉन्च करने जा रही है और कार प्रेमियों में इसका इंतज़ार पहले से ही तेज़ हो गया है। खास बात यह है कि हाल ही में लॉन्च हुई C3X के कुछ ही दिनों बाद Basalt X की एंट्री होने वाली है, जिससे यह साफ है कि सिट्रोएन भारतीय मार्केट में तेजी से अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। यह नई गाड़ी सिर्फ डिजाइन और स्टाइल ही नहीं बल्कि एडवांस फीचर्स के कारण भी चर्चा में है। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का मानना है कि Basalt X कंपनी का ऐसा वेरिएंट होगा, जो SUV लवर्स को प्रीमियम और हाई-टेक अनुभव देने वाला है। अब सवाल यही है कि आखिर इसमें ऐसा क्या नया मिलेगा, जो इसे खास बनाएगा। आइए जानते हैं, इस नए वेरिएंट की डिटेल्स।
स्टाइल से आराम तक: गाड़ी का एक्सटीरियर और इंटीरियर
नए Basalt X में कई नई और प्रीमियम फीचर्स मिलने की उम्मीद है, जो इसे स्टैंडर्ड मॉडल से अलग और ज्यादा आकर्षक बनाएंगे। आइए जानते हैं इसमें क्या-क्या नया हो सकता है:
- की-लेस एंट्री और इंजन स्टार्ट/स्टॉप बटन – अब चाबी निकालने की जरूरत नहीं, बस बटन दबाएं और गाड़ी स्टार्ट!
- नई अपहोल्स्ट्री और इंटीरियर फिनिश – सीटें और डैशबोर्ड में ज्यादा प्रीमियम लुक और आराम।
- 360-डिग्री कैमरा – पार्किंग और टर्निंग के दौरान हर एंगल की स्पष्ट व्यू।
- एडवांसेड इंफोटेनमेंट सिस्टम – टचस्क्रीन, स्मार्ट कनेक्टिविटी और बेहतर ऑडियो अनुभव।
- स्मार्ट सेफ्टी फीचर्स – एयरबैग्स, ABS, EBD और संभवतः ADAS सपोर्ट।
डिज़ाइन और कलर पैलेट
गाड़ी का लुक पहले जैसा ही रखा गया है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस पर नया ‘Basalt X’ बैज मिलेगा, जो इसे स्टैंडर्ड मॉडल से अलग करेगा।पोजिशनिंग और प्रीमियम टच
Basalt X को स्टैंडर्ड Basalt से ऊपर पोजिशन किया गया है। यानी इसमें कंपनी के सभी हाई-एंड फीचर्स शामिल होंगे, जो इसे शहरी और प्रीमियम SUV सेगमेंट में और मजबूत बनाते हैं।Basalt X 2025 – हाई-एंड फीचर्स और रेस्ट आर्म के साथ प्रीमियम टच पावरट्रेन की ताकत: इंजन से व्हील तक
Basalt X में वही दमदार 1.2-लीटर, 3-सिलेंडर, टर्बो-पेट्रोल इंजन दिया जाएगा, जो इसके स्टैंडर्ड वर्जन में भी इस्तेमाल होता है। यह इंजन अपनी स्मूद परफॉर्मेंस और बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी के लिए जाना जाता है। यह इंजन 108bhp की पावर और 205Nm तक का टॉर्क जनरेट करता है, जो ड्राइविंग को और भी मज़ेदार और रेस्पॉन्सिव बनाता है। ट्रांसमिशन ऑप्शन्स के हिसाब से इसका आउटपुट थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे यूज़र्स को अपनी ड्राइविंग स्टाइल के अनुसार बेहतर विकल्प मिलेगा। कंपनी का दावा है कि यह इंजन न सिर्फ सिटी ड्राइविंग के लिए परफेक्ट है, बल्कि हाईवे पर भी शानदार पिक-अप और स्टेबिलिटी देगा। यानी, Basalt X को उन लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो SUV की ताकत और प्रीमियम ड्राइविंग एक्सपीरियंस, दोनों का मज़ा लेना चाहते हैं।
लॉन्च और प्री-बुकिंग: जानें सब कुछ
Citroen अपनी नई Basalt X को 5 सितंबर 2025 को आधिकारिक तौर पर लॉन्च करने जा रही है। इसी दिन कंपनी अपने बड़े प्लान Citroen 2.0 रोडमैप की भी घोषणा करेगी, जिससे आने वाले समय में ब्रांड की भारत में स्ट्रैटेजी और साफ हो जाएगी। कार प्रेमियों के लिए यह दिन काफी खास होने वाला है, क्योंकि Basalt X को कंपनी टॉप-एंड वेरिएंट के तौर पर पेश करेगी।
अगर आप इस स्पेशल एडिशन SUV को सबसे पहले अपने गैराज में लाना चाहते हैं, तो ज्यादा इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है। Citroen ने इसके लिए प्री-बुकिंग शुरू कर दी है, और ग्राहक सिर्फ ₹11,000 के टोकन अमाउंट पर इसे बुक कर सकते हैं। यानी, कम खर्च में आप इस नई SUV को लॉक कर सकते हैं और लॉन्चिंग के बाद डिलीवरी पाने वालों में सबसे आगे रह सकते हैं।
कारों के बारे में अधिक समाचार, समीक्षा, वीडियो और जानकारी के लिए CarWale.com पर जाएं।
Citroën Basalt X 2025 – प्रीमियम इंटीरियर, रेस्ट आर्म और सेफ्टी फीचर्स के साथ - On-road Price Check – Basalt X 2025
जानें Citroën Basalt X की दिल्ली में ऑन-रोड कीमत ₹15,33,705 तक। - Upcoming Cars in September 2025
सितंबर 2025 में लॉन्च होने वाली नई कारों की सूची में Citroën Basalt X भी शामिल है। - Compare Cars – Basalt X vs Competitors
Citroën Basalt X की तुलना करें Tata Curvv, Hyundai Creta, और Kia Seltos जैसी कारों से। - Dealer Locator – Find Basalt X Near You
अपने नजदीकी Citroën डीलरशिप की जानकारी प्राप्त करें।
- ट्रंप को लेकर फैली “मौत की अफवाह” पर जवाब: बोले – “Never Felt Better In My Life”
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निष्कर्ष:
नया Basalt X 2025 स्टैंडर्ड मॉडल से ऊपर पोजिशनिंग और प्रीमियम फीचर्स के साथ आता है। इसकी की-लेस एंट्री, 360° कैमरा, नई अपहोल्स्ट्री और एडवांसेड सेफ्टी इसे शहरी और प्रीमियम SUV सेगमेंट में एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। चाहे आप ऑन-रोड प्राइस चेक करना चाहते हों, गाड़ी की तुलना करनी हो या नजदीकी डीलरशिप ढूँढनी हो, Basalt X हर मायने में अपडेटेड और हाई-एंड अनुभव देने के लिए तैयार है।—- समाप्त —- ◉
कुल मिलाकर, अफवाहों के बीच खुद ट्रंप का कहना है कि वे पहले से ज्यादा फिट हैं और राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां पूरी ऊर्जा से निभा रहे हैं।