बेंगलुरु: मंगलुरु स्थित निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक, कर्नाटक बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) श्रीकृष्णन हरि हरा शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही बैंक के कार्यकारी निदेशक (Executive Director) ने भी इस्तीफा सौंप दिया है। बैंक के निदेशक मंडल ने दोनों इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं, जिससे बैंकिंग जगत में हलचल मच गई है।
श्रीकृष्णन हरि हरा शर्मा का इस्तीफा स्वीकार
रविवार को आयोजित बैंक बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया कि श्रीकृष्णन हरि हरा शर्मा का इस्तीफा 15 जुलाई 2025 से प्रभावी माना जाएगा। शर्मा ने इस्तीफे के लिए व्यक्तिगत कारणों, विशेष रूप से मुंबई वापस स्थानांतरित होने के निर्णय को जिम्मेदार ठहराया है।
श्रीकृष्णन का बैंकिंग करियर चार दशकों से भी अधिक लंबा रहा है। वे इससे पहले यस बैंक, एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक जैसे बड़े संस्थानों में वरिष्ठ भूमिकाएं निभा चुके हैं। कर्नाटक बैंक में उन्होंने एक परिवर्तनकारी नेतृत्व की भूमिका निभाई और डिजिटल बैंकिंग में तेजी से बदलाव लाए।
नए सीओओ की नियुक्ति
कर्नाटक बैंक ने संगठन की निरंतरता और संचालन को प्रभावित न होने देने के उद्देश्य से तुरंत एक बड़ा कदम उठाया है। बैंक के बोर्ड ने राघवेंद्र श्रीनिवास भट्ट को बैंक का मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) नियुक्त किया है।
उनकी नियुक्ति 2 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। भट्ट बैंकिंग क्षेत्र के अनुभवी पेशेवर हैं और उन्होंने कई प्रमुख विभागों में कार्य किया है, जिनमें परिचालन, जोखिम प्रबंधन और रणनीतिक नियोजन शामिल हैं। बैंक को उम्मीद है कि भट्ट की नियुक्ति से संचालन में स्थिरता बनी रहेगी और ग्राहकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
बैंकिंग सेक्टर पर असर
कर्नाटक बैंक के सीईओ और कार्यकारी निदेशक का एक साथ इस्तीफा देना बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। इससे यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या आंतरिक रणनीतिक कारणों या दबावों ने इस फैसले को प्रभावित किया है। हालांकि बैंक ने स्पष्ट किया है कि इस्तीफे व्यक्तिगत कारणों से दिए गए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि नेतृत्व में इतने बड़े बदलाव का असर बैंक की रणनीतियों और निवेशकों के भरोसे पर पड़ सकता है।
बैंक की वर्तमान स्थिति और भविष्य की राह
कर्नाटक बैंक एक मजबूत ग्राहक आधार और डिजिटल रूपांतरण रणनीतियों के कारण निजी बैंकिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हाल के वर्षों में बैंक ने अपनी डिजिटल सेवाओं को विस्तारित किया है, जैसे कि मोबाइल बैंकिंग, UPI इंटीग्रेशन और पेमेंट गेटवे सेवाएं।
श्रीकृष्णन के कार्यकाल में बैंक ने NPA कम करने, डिजिटल ऋण स्वीकृति प्रणाली और ग्राहक अनुभव सुधारने की दिशा में सराहनीय प्रयास किए। अब जब वे जा रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि अगला एमडी और सीईओ कौन होता है और वे किस दिशा में बैंक को आगे बढ़ाते हैं।
बोर्ड का बयान
बैंक के निदेशक मंडल ने शर्मा के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “श्रीकृष्णन हरि हरा शर्मा ने बैंक को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और उनके निर्णय का सम्मान करते हैं।”
राघवेंद्र श्रीनिवास भट्ट की नियुक्ति के बारे में बोर्ड का कहना है कि “भट्ट एक अनुभवी बैंकर हैं और बैंक के लिए एक उपयुक्त नेतृत्व प्रदान करेंगे। उनकी नियुक्ति से संचालन में निरंतरता बनी रहेगी।”
निष्कर्ष
कर्नाटक बैंक में नेतृत्व में आए इस बड़े बदलाव से आने वाले महीनों में कई रणनीतिक और नीतिगत बदलाव देखने को मिल सकते हैं। निवेशकों और ग्राहकों की नजर अब इस पर टिकी रहेगी कि नया नेतृत्व बैंक को किस दिशा में ले जाता है।
हालाँकि, बैंक ने अपने COO की नियुक्ति से यह संकेत दिया है कि वह नेतृत्व की इस रिक्तता को जल्द से जल्द भरना चाहता है और परिचालन को बिना किसी बाधा के जारी रखना चाहता है।
लेखक टिप्पणी: बैंकिंग सेक्टर में स्थिर नेतृत्व किसी भी वित्तीय संस्था की सफलता का आधार होता है। श्रीकृष्णन का जाना निश्चित रूप से एक बड़ा बदलाव है, लेकिन बैंक की अगली नियुक्ति और रणनीतियाँ ही तय करेंगी कि कर्नाटक बैंक की अगली दिशा क्या होगी।

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