चंडीगढ़ में एक पेट्रोल पंप पर गुरुवार सुबह बड़ा हंगामा देखने को मिला। यहां आम आदमी पार्टी के नेता और समाजसेवी शादाब राठी के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया। उन्होंने जब अपनी गाड़ी में 1500 रुपये का पेट्रोल डलवाने के लिए कहा, तो कर्मियों ने जानबूझकर 2500 रुपये का पेट्रोल डाल दिया। इतना ही नहीं, बाद में इसे “गलती” बताकर उनसे पूरी रकम वसूल ली गई। मामला बढ़ने पर न सिर्फ पुलिस मौके पर पहुंची, बल्कि जांच के बाद मशीन को सील भी कर दिया गया।
क्या हुआ सेक्टर-46 के पेट्रोल पंप पर?
घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-46 स्थित एक प्रसिद्ध पेट्रोल पंप की है। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे समाजसेवी और आप नेता शादाब राठी अपनी गाड़ी में पेट्रोल डलवाने पहुंचे। उन्होंने कर्मी से साफ कहा था कि 1500 रुपये का ही तेल डालना है। लेकिन कर्मी ने बिना पूछे 2500 रुपये का पेट्रोल भर दिया। जब राठी ने इस पर आपत्ति जताई, तो कर्मी ने “गलती हो गई” कहकर बात को टालने की कोशिश की।
राठी ने बताया कि उन्होंने पेट्रोल का भुगतान अपने क्रेडिट कार्ड से कर दिया था। लेकिन जब उन्होंने मशीन से बिल मांगा, तो कर्मी अचानक घबरा गया और बोला कि “मशीन खराब है।” यह सुनकर राठी को शक हुआ और उन्होंने मशीन की रीडिंग देखने की मांग की। इस पर पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने गोलमोल जवाब देने शुरू कर दिए।
मैनेजर नदारद, मौके पर बढ़ा हंगामा
जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो शादाब राठी ने मैनेजर को बुलाने की मांग की। लेकिन पेट्रोल पंप पर उस समय कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। इस वजह से मौके पर मौजूद लोगों और ग्राहकों के बीच गुस्सा फैल गया। धीरे-धीरे वहां भीड़ जमा हो गई और हंगामा बढ़ता चला गया।
राठी ने बताया कि उन्होंने आखिरकार पुलिस को 112 नंबर पर कॉल किया। पुलिस के पहुंचने तक नारेबाजी शुरू हो चुकी थी। लोगों का आरोप था कि पंप पर आए दिन ऐसी गड़बड़ियां होती हैं और ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं।
पुलिस और विभागीय अधिकारी पहुंचे, मशीन सील
जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो शादाब राठी ने पूरी घटना की जानकारी दी और पंप के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने चंडीगढ़ प्रशासन के कानूनी माप विज्ञान विभाग (Legal Metrology Department) को भी मौके पर बुलाया।
विभाग के इंस्पेक्टर ललित मोहन ने अपनी टीम के साथ जांच की। जांच में पाया गया कि पंप की मशीन में सच में गड़बड़ी है और ग्राहक को पूरे पैसे के बदले कम पेट्रोल दिया गया था। इसके बाद विभाग ने मशीन को तुरंत सील कर दिया।
जुर्माना और कानूनी कार्रवाई तय
इंस्पेक्टर ललित मोहन ने बताया कि इस मामले में अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नियमों के तहत इस तरह की गड़बड़ी पर पेट्रोल पंप संचालक पर कम से कम 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर पंप मालिक समय पर यह जुर्माना अदा नहीं करता, तो आगे कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द होना या संचालन पर रोक लगना भी शामिल है।
ग्राहकों से अपील: पेट्रोल पंप पर हमेशा बिल लें
इस घटना के बाद शादाब राठी ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीज़ल भरवाते समय हमेशा बिल जरूर लें। उन्होंने कहा, “आज मेरे साथ हुआ है, कल किसी और के साथ हो सकता है। अगर ग्राहक सावधान नहीं रहेंगे, तो ऐसे पेट्रोल पंप वाले धोखाधड़ी करते रहेंगे।”
कई स्थानीय लोगों ने भी बताया कि सेक्टर-46 का यह पेट्रोल पंप पहले भी विवादों में रह चुका है। कुछ लोगों ने दावा किया कि यहां पेट्रोल की मात्रा कम और कीमत ज्यादा होती है। अब मशीन सील होने के बाद उम्मीद है कि प्रशासन सख्त कदम उठाएगा।
मानव संवेदना से जुड़ा मुद्दा – ग्राहकों के भरोसे से खिलवाड़
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मियों का दायित्व होता है कि वे ग्राहकों के साथ ईमानदारी से पेश आएं। लेकिन जब कोई पेट्रोल पंप अपने ग्राहकों के भरोसे से खिलवाड़ करता है, तो यह सिर्फ आर्थिक धोखा नहीं बल्कि सामाजिक विश्वास को भी तोड़ता है।
शादाब राठी जैसे समाजसेवी जब ऐसे मामलों को उजागर करते हैं, तो यह बाकी नागरिकों को भी जागरूक करता है कि वे अपनी मेहनत की कमाई की रक्षा करें। हर ग्राहक को यह हक है कि उसे उसके पैसे के बदले सही मात्रा में पेट्रोल मिले।
प्रशासन से उम्मीद – सख्त कार्रवाई होगी
चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। कानूनी माप विज्ञान विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जांच में यह साबित होता है कि पेट्रोल पंप जानबूझकर ग्राहकों से ज्यादा पैसा वसूल रहा था, तो उस पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
देखें: चंडीगढ़ पेट्रोल पंप विवाद का पूरा वीडियो
वीडियो क्रेडिट: अमर उजाला | YouTube पर देखें
ऐसे पहचानें पेट्रोल पंप की गड़बड़ी
ग्राहकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
- हमेशा पेट्रोल भरवाने से पहले मीटर की रीडिंग देखें।
- तय राशि बोलने के बाद कर्मी को ध्यान से देखें कि वह मशीन कहां रोकता है।
- बिल मांगना कभी न भूलें।
- अगर शक हो, तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को शिकायत करें।
- सोशल मीडिया पर या समाचार माध्यमों से अन्य लोगों को भी सतर्क करें।
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ईमानदारी से ही बनता है भरोसा
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि ईंधन व्यवसाय में पारदर्शिता बेहद जरूरी है। ग्राहक पेट्रोल पंप पर भरोसा करके जाता है, लेकिन जब वही भरोसा टूटता है तो सवाल पूरे सिस्टम पर उठते हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करे ताकि किसी और के साथ ऐसी ठगी न हो।
चंडीगढ़ के सेक्टर-46 का यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर उस ग्राहक की लड़ाई है जो अपनी मेहनत की कमाई से पेट्रोल भरवाता है और ईमानदारी की उम्मीद रखता है।
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