नई दिल्ली: लोकसभा में आज उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर हो रही खास चर्चा में विपक्ष ने हिस्सा ही नहीं लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के इस रवैये को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक” बताया और कहा कि अंतरिक्ष जैसे अहम विषयों को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।
विपक्ष का हंगामा और सदन स्थगित
सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ऐलान किया था कि संसद शुक्ला को सम्मान देने के लिए एक विशेष चर्चा करेगी और विपक्ष से सहयोग की अपील की थी। लेकिन जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसद चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा इतना बढ़ा कि अध्यक्ष को कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स (X) पर लिखा –
“भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ISRO मिशन की उपलब्धियों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने जिस तरह से माहौल बिगाड़ा, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह विषय ‘भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका’ से जुड़ा था, जो राष्ट्रीय गर्व और भविष्य की वैज्ञानिक व रणनीतिक दृष्टि से जुड़ा है।”
“मोदी जी के नेतृत्व में नई ऊँचाइयाँ”
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। ऐसे मौके पर विपक्ष रचनात्मक सुझाव दे सकता था, लेकिन उन्होंने सदन को बाधित कर देशवासियों को निराश किया।
जितेंद्र सिंह की अपील, विपक्ष अड़ा रहा
इस दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी विपक्ष से अपील की –
“आपको सरकार या बीजेपी से असहमति हो सकती है, लेकिन यह चर्चा हमारे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्री पर है। कम से कम उन्हें प्रोत्साहित तो करें।”
लेकिन विपक्ष का शोरगुल जारी रहा। अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे बीजेपी सांसद दिलीप सैकिया ने भी कहा कि “यह 140 करोड़ भारतीयों का गर्व का क्षण है, लेकिन विपक्ष इसे गंभीरता से लेना ही नहीं चाहता।”
शशि थरूर का अलग सुर
जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने देखा कि विपक्ष चर्चा में हिस्सा नहीं ले रहा, तो उन्होंने खुद एक्स पर पोस्ट कर शुक्ला की तारीफ की।
उन्होंने लिखा कि शुक्ला का ISS मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए एक बड़ा कदम है। उनकी अंतरिक्ष यात्रा से ISRO को मूल्यवान डेटा और अनुभव मिला, जो किसी भी सिमुलेशन में संभव नहीं था।
थरूर ने यह भी कहा कि शुक्ला का मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है और इसने भारत की छवि को वैश्विक अंतरिक्ष कूटनीति में और मजबूत किया है।
शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला NASA के Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे।
- 25 जून को अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से उनका अंतरिक्षयान उड़ा।
- शुक्ला और उनकी टीम ने दो हफ्ते से ज्यादा समय ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पर बिताए।
- 15 जुलाई को सभी सुरक्षित लौट आए।
शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर (रिटायर्ड) राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के जरिए अंतरिक्ष यात्रा की थी।
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सवाल यह है कि जब पूरा देश इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है, तो क्या राजनीति को इस पल पर हावी होना चाहिए था? राजनाथ सिंह की बात एक हद तक सही लगती है – अंतरिक्ष, विज्ञान और राष्ट्रीय गौरव जैसे मुद्दे दलगत राजनीति से ऊपर होने चाहिए।





