टॉमी जेनेसिस कौन हैं? भारतीय मूल की रैपर अपने वीडियो में ‘काली’ के लुक को लेकर विवादों में

कनाडाई रैपर टॉमी जेनेसिस (Tommy Genesis) इन दिनों अपने नए म्यूजिक वीडियो True Blue को लेकर सुर्खियों में हैं लेकिन कारण है विवाद। वीडियो में टॉमी को हिंदू देवी काली की तरह चित्रित किया गया है, जिससे सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। नीले शरीर, सुनहरी बिकिनी, और धार्मिक प्रतीकों के इस प्रयोग को लेकर कई यूज़र्स ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया है।

कौन हैं टॉमी जेनेसिस?

असल नाम यास्मीन मोहनराज (Yasmine Mohanraj) है और वह भारत और स्वीडन की मिश्रित विरासत से आती हैं। उनके पिता तमिल-मलयाली ईसाई हैं और मां स्वीडिश मूल की हैं। टॉमी का जन्म और पालन-पोषण वैंकूवर, कनाडा में हुआ था, लेकिन उन्होंने दक्षिण एशियाई संस्कृति और अपनी भारतीय जड़ों को हमेशा अपनाया है। उन्होंने एमिली कैर यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन से पढ़ाई की है और फ़िल्म और स्कल्पचर में डिग्री ली है। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने म्यूजिक बनाना शुरू कर दिया और 2013 में Awful Records के साथ अपना पहला मिक्सटेप World Vision लॉन्च किया।

करियर में हाईलाइट्स

टॉमी को पहली बार इंटरनैशनल पहचान “100 Bad” गाने से मिली, जिसे पॉप स्टार Charli XCX ने रीमिक्स भी किया था। इसके बाद उन्होंने Lana Del Rey, Charli XCX, और यहां तक कि कैल्विन क्लेन और मर्सिडीज़-बेंज फैशन वीक जैसी ब्रांड्स और इवेंट्स के साथ काम किया। उन्होंने अपने बोल्ड और एक्सपेरिमेंटल स्टाइल के लिए एक “fetish rapper” की छवि बनाई है, जो जेंडर, सेक्सुअलिटी और पॉलिटिक्स पर खुलकर बात करती हैं।

विवाद: देवी काली की छवि का प्रयोग

True Blue वीडियो में टॉमी का जो रूप सामने आया है, वह उनके फैंस के लिए तो शॉकिंग था ही, लेकिन धार्मिक समुदायों के लिए अपमानजनक बन गया। वीडियो में उन्हें नीले शरीर के साथ एक गोल्डन बिकिनी में दिखाया गया, जो कि कई लोगों के अनुसार देवी काली का पश्चिमी और भड़काऊ चित्रण है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने उन्हें कल्चर अप्रोप्रिएशन (Culture Appropriation) और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का दोषी ठहराया है। सोशल मीडिया रिएक्शन (Twitter), Instagram और Reddit जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यूज़र्स ने उनकी आलोचना करते हुए कहा: “ये देवी काली का अपमान है, पॉप कल्चर में इस तरह धार्मिक प्रतीकों का मज़ाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए।” “आप भारतीय विरासत की बात करती हैं, लेकिन हमारी आस्था को ही चोट पहुंचाती हैं। टॉमी जेनेसिस की सफाई हालांकि टॉमी ने इस विवाद को ज्यादा अहमियत नहीं दी और एक इंटरव्यू में Office Magazine से बात करते हुए कहा: “अगर आपको ये वीडियो पसंद है, तो अच्छा है। अगर नहीं है, तो भी हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। ये आपके लिए नहीं है। ये बहुत सारे कारणों से आपके लिए नहीं हो सकता आप अपनी ज़िंदगी में कहां हैं, आपकी मान्यताएं क्या हैं ये सब मायने रखता है। “उनके इस बयान को भी सोशल मीडिया पर अहंकारी और असंवेदनशील माना जा रहा है।

ट्रेंडिंग क्यों है यह मुद्दा?
  1. Religious Sentiments vs Artistic Freedom यह बहस फिर से ज़ोर पकड़ रही है कि क्या कला की स्वतंत्रता का मतलब किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना है?
  2. South Asian Identity in Global Pop Culture टॉमी जैसे कई कलाकार अपनी भारतीय विरासत को ग्लैमर और रैप के ज़रिए सामने ला रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे जिम्मेदारी से कर रहे हैं?
  3. Social Media Backlash आज किसी भी पब्लिक फिगर को जनता की नज़रों से बचना मुश्किल है। टॉमी की यह कोशिश उन्हें और उनकी ब्रैंडिंग को फायदा पहुंचाए या नुकसान, यह आने वाला वक्त बताएगा।
निष्कर्ष टॉमी जेनेसिस जैसी कलाकार जब अपनी संस्कृति और पहचान को अपने आर्ट के ज़रिए दिखाती हैं, तो वह कई बार प्रेरणादायक भी होता है, लेकिन जब धार्मिक भावनाएं इससे आहत होती हैं, तो एक सीमा खींचना ज़रूरी हो जाता है। आपको क्या लगता है यह क्रिएटिविटी है या अति?

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